Top
Begin typing your search above and press return to search.

मालेगांव विस्फोट मामले में दोनों आरोपीयों को मिली ज़मानत

एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को सितंबर, 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले के दो प्रमुख आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी व सुहार द्विवेदी को समानता के आधार पर जमानत दे दी

मालेगांव विस्फोट मामले में दोनों आरोपीयों को मिली ज़मानत
X

मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने मंगलवार को सितंबर, 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले के दो प्रमुख आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी व सुहार द्विवेदी को समानता के आधार पर जमानत दे दी। दोनों को 50 हजार रुपये की जमानत राशि व अन्य शर्तो के साथ जमानत दी गई।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बीते महीने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद एस. पुरोहित को जमानत दिए जाने के बाद चतुर्वेदी व द्विवेदी, उर्फ दयानंद पांडेय ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। पुरोहित मालेगांव मामले में प्रमुख आरोपी हैं।

इससे पहले, इस मामले में एक अन्य प्रमुख आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बंबई उच्च न्यायालय जमानत पर रिहा कर चुका है। साध्वी को स्वास्थ्य व दूसरे आधारों पर करीब 9 साल की हिरासत के बाद जमानत दी गई।

महाराष्ट्र के नाशिक जिले के मालेगांव में भीड़भाड़ वाली नूरजी मस्जिद के पास 29 सितंबर, 2008 को जुम्मे की नमाज के बाद शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में छह लोग मारे गए और 100 लोग घायल हो गए। मालेगांव मुंबई से उत्तर में करीब 300 किलोमीटर दूर है।

मस्जिद के पास किए गए इस विस्फोट को कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' नाम दिया था, क्योंकि पकड़े गए आरोपियों का ताल्लुक हिंदूवादी संगठनों से है। केंद्र में सत्ता बदलने के बाद इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का मन भी बदला।

एनआईए की क्लीनचिट पर पहले साध्वी प्रज्ञा छूटीं, उसके बाद पुरोहित। समानता के आधार पर दो और को जमानत मिल गई है। सवाल यह है कि अगर ये निर्दोष हैं, तो दोषी कौन है? आतंकवादी घटना की जांच अगर इसी तरह होती रही तो एनआईए पर भरोसा कौन करेगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it