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सोशल डिस्टेंसिग बनाये रखकर दो शिफ्टो में कराएं काम : मौर्य

उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि निर्माण कार्य को दो शिफ्टो में कराएं, तो ज्यादा अच्छा होगा ,इससे सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने में मदद मिलेगी

सोशल डिस्टेंसिग बनाये रखकर दो शिफ्टो में कराएं काम : मौर्य
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि निर्माण कार्य को दो शिफ्टो में कराएं, तो ज्यादा अच्छा होगा ,इससे सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने में मदद मिलेगी।

श्री मौर्य सोमवार को यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राजकीय निर्माण निगम के कार्यों का फीडबैक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यो को दो शिफ्टो में कराएं, तो ज्यादा अच्छा होगा। इससे सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने में मदद मिलेगी। एक शिफ्ट के बाद जब दूसरी शिफ्ट काम शुरु करें तो उसमें एक घंटे का अंतर रहना चाहिए ताकि अनावश्यक रूप से भीड़ न एकत्र होने पाये।

उन्होंने कहा कि मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग कराई जाए तथा वहां पर सैनिटाइजर की व्यवस्था हर हाल में करें’। सभी सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रुप से किया जाए। साइट पर मजदूरों को अंगोछा मास्क,साबुन ,पानी आदि की समुचित व्यवस्था की जाए तथा शौचालय पर्याप्त मात्रा में बनवाए जाएं। श्रमिकों के रहने ,खाने के स्थान पर सफाई व सोशल डिस्टेंसिग पर पैनी नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजर लगातार साइटों का निरीक्षण करें। आने वाले समय मे अधिक से अधिक काम कराने के लिए ठोस व प्रभावी कार्य योजना अभी से तैयार कर ली जाए।

श्री मौर्य ने कहा कि इस समय कार्य कराना चुनौतीपूर्ण व जिम्मेदारी भरा काम है। हम सबको मिलकर कार्य के मामले में कीर्तिमान स्थापित करना है । केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का पालन भी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यह विशेष रुप से ध्यान रखा जाए ,कि शराब के नशे मे किसी को साइट पर कतई न जाने दिया जाए और न ही कोई मजदूर शराब का वहां सेवन करने पाए।

उन्होंने कहा कि पान मसाला, गुटखा व खैनी, खाना साइट पर पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। साइटो पर मेटों की ड्यूटी सही तरीके से लगाई जाए। जहां पर नए कार्य कराए जाने हैं, यदि वहां पैसे की कोई कमी हो, तो मुख्यालय को सूचित किया जाए।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण के बचाव के लिये सभी साइटों पर पोस्टर लगाए जांय और श्रमिकों को जागरूक किया जाए। ठेकेदारों से समन्वय बनाकर काम किया जाए। ठेकेदारों की कोई समस्या हो, तो उसे भी संज्ञान में लिया जाए और उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाए।


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