नर्मदा सेवा यात्रा में आए विशिष्टजन शिवराज पर दवाब बनाएं : कांग्रेस
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने नमामि नर्मदे सेवा यात्रा में आए विशिष्टजनों को पत्र लिखकर आग्रह किया है

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने 'नमामि नर्मदे सेवा यात्रा' में आए विशिष्टजनों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे सरकार पर अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के लिए दवाब बनाएं, ताकि राज्य की नदियां बच सकें। 'नमामि नर्मदे सेवा यात्रा' मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में मई में निकाली गई थी। इसमें तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा सहित दर्जनों विशिष्टजन शामिल हुए थे और इसके समापन पर मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पधारे थे।
नेता प्रतिपक्ष ने यात्रा में आए विशिष्टजनों को रविवार को लिखे पत्र में कहा है, "नर्मदा सहित अन्य नदियों में अवैध खनन जारी है। दुखद यह है कि अवैध खनन में मुख्यमंत्री के परिवार सहित सत्ताधारी पार्टी के लोग शामिल हैं।"
सिंह ने पत्र में लिखा है कि व्यापक जनहित का कोई अभियान हो, उसमें आप लोगों का समर्थन और शिरकत हो तो निश्चित ही समाज में इसका अच्छा संदेश जाता है। आप एक अच्छे भाव के साथ, अच्छे कदम का साथ देने के लिए अपना अमूल्य समय निकालकर यात्रा में शामिल हुए। इसके लिए प्रदेश आपका आभारी है।
नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा है कि इस यात्रा के 'हिडन एजेंडे' से निश्चित ही आप अवगत नहीं होंगे। इस यात्रा का वास्तव में एक ही मकसद था, वह था 'राजनीतिक लाभ' लेना।
अजय सिंह के पत्र में लिखा है कि नर्मदा नदी के किनारे लगभग 16 जिले आते हैं। इनमें लगभग 100 विधानसभा क्षेत्र हैं। यात्रा का मुख्य मकसद इन विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 के चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करना था। अगर ऐसा नहीं था और नर्मदा नदी का संरक्षण ही मकसद था, तो इतने महत्वपूर्ण मुद्दे की याद शिवराज को 12 साल बाद क्यों आई?
उन्होंने लिखा है, "यहां मैं आपको यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि इस पूरी यात्रा में सिर्फ आरएसएस और भाजपा के कार्यकर्ताओं की ही भागीदारी थी, दूसरी विचारधारा वालों को शामिल होने की न तो अनुमति थी, न ही उसमें उन्हें बुलाया गया था।"
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे ने लिखा है, "नदियों के पास अन्य संपदा के साथ एक मुख्य संपदा रेत होती है। इसका खनन कैसा हो, इसके लिए बाकायदा खनिज नीति बनी हुई है, लेकिन यह सिर्फ दिखावे के लिए है। नर्मदा सहित प्रदेश की सभी नदियों से न केवल बगैर रायल्टी दिए अवैध रेत खनन किया जा रहा है, बल्कि तय मानदंडों से अधिक रेत खनन कर नर्मदा नदी के अस्तित्व को ही खतरे में डाला जा रहा है।"
कांग्रेस नेता ने राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का हवाला देते हुए लिखा है कि एनजीटी ने स्पष्ट रूप से पोकलेन मशीनों के जरिए नदी किनारों पर रेत खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन पवित्र नर्मदा नदी में रेत माफिया धड़ल्ले से अवैध तरीके से रेत खनन और परिवहन में लगे हैं। उन्हें अगर सरकारी अमला रोकता है तो उस पर प्राणघातक हमला होता है। प्रदेश में एक आईपीएस अफसर सहित कई सरकारी अधिकारी रेत माफियाओं के द्वारा मारे गए हैं। हाल ही में एक रेत माफिया को गिरफ्तार करने वाली महिला आईएएस अधिकारी को जान से मारने तक की धमकी दी गई और एक थानेदार पर हमला किया गया।
पत्र में लिखा है कि अवैध रेत व्यापार में ग्राम जैत (मुख्यमंत्री का गृह ग्राम) जिला सीहोर के लोगों का भारी दबदबा है। 'जैतवाले दादा' का दम दिखाकर खुलेआम रेत का अवैध व्यापार होता है। शिवा कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित प्रदेश में ऐसे कई लोग हैं, जो पिछले ग्यारह साल में मां नर्मदा की छाती को छलनी कर अरबपति बन गए।
अजय सिंह ने इस यात्रा पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने का आरोप लगाते हुए लिखा है, "संत समाज और प्रबुद्ध लोग आम जनता की आस्था और विश्वास के प्रतीक हैं। आप लोगों को ढाल बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न केवल आपको, बल्कि प्रदेश की जनता को भी धोखा दिया।"
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र के साथ यात्रा में आए विशिष्टजनों को कई अखबारों की कतरनें भी भेजी हैं, जो सेवा यात्रा की असलियत उजागर करती हैं।


