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31 मार्च तक बिल्डर राजस्व का करें भुगतान, अन्यथा की स्थिति में जेल जाने को रहे तैयार

बिना रजिस्ट्री कराए खरीदार को कब्जा देने के मामले में बिल्डरों को 31 मार्च तक का समय दिया गया है। 31 मार्च तक वह राजस्व का भुगतान  कर दे

31 मार्च तक बिल्डर राजस्व का करें भुगतान, अन्यथा की स्थिति में जेल जाने को रहे तैयार
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नोएडा। बिना रजिस्ट्री कराए खरीदार को कब्जा देने के मामले में बिल्डरों को 31 मार्च तक का समय दिया गया है। 31 मार्च तक वह राजस्व का भुगतान कर दे। अन्यथा उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है। ऐसे 15 परियोजना नोएडा में नौ परियोजना ग्रेटर नोएडा में है। जिनके बिल्डरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इन परियोजना में कुल 10 हजार 130 फ्लैट है। जिससे राज्य सरकार को 334.13 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया जब खरीदार ने बिल्डरों को पूरा पैसा दिया तो उन्होंने राजस्व का भुगतान क्यो नहीं किया। बिल्डरों से स्पष्टीकरण के साथ उनकी बाकी की देनदारियों की जानकारी मांगी गई है। अधिकारियों ने बताया कि फ्लैटों का पंजीकरण न होने के कारण सरकार को भारी राजस्व हानि हुई है, यूपी अपार्टमेंट (निर्माण स्वामित्व व रख-रखाव की पदोन्नति) अधिनियम, 2010 की धारा 13 के मुताबिक, एक निर्माता फ्लैट के पंजीकरण को निष्पादित किए बिना स्वामित्व के कब्जे या हस्तांतरण की अनुमति नहीं दे सकता है।

इनमे यूनिटेक समूह, आम्रपाली समूह, देवी इंडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एटोटेक, विजय क्रॉस रोड, रील्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के बिल्डर, एजीसी अजंरा होम्स और गार्डनिया एम्स ग्लोरी की परियोजनाओं में फ्लैट्स को बिना किसी निष्पादन के सौंपे गए हैं। वहीं, नोएडा प्राधिकरण भी अडिट रिपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने पर 11 बिल्डरों को नोटिस जारी कर चुकी है।

जबकि अक्टूबर 2017 में, प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आलोक टंडन ने अपने कर्मचारियों को भूमि के संग्रह के लिए बिल्डरों को वसूली नोटिस (आरसी) जारी करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, चार महीने के बाद भी, प्राधिकरण अभी तक बिल्डरों को एक वसूली नोटिस भी जारी नहीं कर सका है।


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