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मैनपुरी के चुनावी रण का मुकाबला हुआ रोचक

सपा संस्थापक मुलायम के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी सीट अब मुकबला बड़ा रोचक हो गया है

मैनपुरी के चुनावी रण का मुकाबला हुआ रोचक
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लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी सीट अब मुकबला बड़ा रोचक हो गया है। अब इस सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक रघुराज शाक्य को उतार कर चुनाव को काफी गंभीर बना दिया। सपा ने यहां से डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। रघुराज शिवपाल के काफी खास रहे है। वह अपने को मुलायमवादी कहते हैं। ऐसे में अब मैनपुरी की चुनी लड़ाई रोचक हो गई है, क्योंकि मैनपुरी में यादव के बाद शाक्य वोट सबसे अधिक हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो लोकसभा क्षेत्र मे यादव मतों के बाद सबसे ज्यादा शाक्य मतदाता हैं। ऐसे में भाजपा ने शाक्य प्रत्याशी पर दांव खेला है। मैनपुरी लोकसभा सीट को मुलायम सिंह का गढ़ कहा जाता था।

कभी सपा के नेता रहे रघुराज शाक्य को वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से इटावा सदर की सीट से चुनाव लडाने के लिए कहा था, लेकिन अखिलेश यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए। तो रघुराज शाक्य ने बिना शर्त भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि भाजपा ने तब रघुराज शाक्य को टिकट नहीं दिया था, लेकिन अब मैनपुरी से उतारकर चुनावी संघर्ष को रोचक बना दिया है। मैनपुरी के लोगों का कहना है कि रघुराज शाक्य के मैदान में उतरने के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर कांटे की लड़ाई होगी।

राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि 1996 से लेकर बीते लोकसभा चुनाव तक यहां सपा को कोई चुनौती नहीं दे पाया। पांच बार तो खुद मुलायम सिंह सांसद रहे। वर्ष 2014 और 2019 में जबर्दस्त मोदी लहर में भी भाजपा इस दुर्ग को भेद नहीं सकी थी। इसकी अहम वजह रही, यादव मतदाताओं की बहुलता था। जातीय समीकरणों के लिहाज से देखें तो यादव वोटर अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के मतदाता करीब 45 फीसद बताए जाते हैं, इनमें यादव मतदाताओं की हिस्सेदारी करीब 25 फीसद तक है। इनके बाद शाक्य मतदाताओं का नंबर आता है। सपा को यादव मतों के साथ अन्य वर्गों का भी समर्थन मिलता रहा है।

रघुराज शाक्य, मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं, जो शिवपाल यादव का गढ़ माना जाता है। भोगांव और मैनपुरी सीट पर भाजपा का कब्जा है, जबकि जसवंतनगर से शिवपाल यादव विधायक हैं और यहीं से रघुराज शाक्य भी आते हैं। अगर भाजपा जसवंत नगर, भोगांव और मैनपुरी सदर में अपनी स्थिति मजबूत कर लेती है तो डिंपल यादव के लिए लड़ाई आसान नहीं होगी। अब यह कहा जा रहा है कि मैनपुरी में रघुराज शाक्य से ही डिंपल यादव का चुनावी मुकाबला होगा।

रघुराज सपा का जाना पहचाना नाम हैं और उनके डिंपल यादव के सामने होने पर अब अब अखिलेश यादव को मैनपुरी में पूरी ताकत लगानी होगी। फिलहाल अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह की यादों के सहारे मैनपुरी को साधने में जुटे हैं।

ज्ञात हो कि रघुराज सिंह शाक्य वर्ष 2012 में सपा की टिकट इटावा विधानसभा सीट से विधायक बनें थे। वह वर्ष 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी इटावा संसदीय सीट से सांसद रहे हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में वह आगरा की फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भी मैदान में उतरे थे, परंतु जीत हासिल नहीं कर पाए थे। बीते विधानसभा चुनावों से पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे।


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