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भोपाल में महिला कांग्रेस ने दिया धरना, दलितों को इंसाफ देने की लगाई गुहार

मध्य प्रदेश के सागर जिले में दलित वर्ग की युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर महिला कांग्रेस ने राजधानी भोपाल में धरना दिया

भोपाल में महिला कांग्रेस ने दिया धरना, दलितों को इंसाफ देने की लगाई गुहार
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में दलित वर्ग की युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर महिला कांग्रेस ने राजधानी भोपाल में धरना दिया। इसके साथ ही उच्च स्तरीय जांच के साथ मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

सागर जिले के बरोदिया नौनागिर गांव की अंजना अहिरवार की बीते दिनों अपने चाचा का शव भोपाल से सागर ले जाते वक्त एंबुलेंस से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर महिला कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी दफ्तर के सामने धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।

मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि अंजना अहिरवार की मौत हादसा नहीं, हत्या है। बरोदिया नौनागिर गांव में नौ महीने में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद सत्ता पक्ष से जुड़े दबंगों, रसूखदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की ओर से राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है बरोदिया नौनागिर गांव में अपने चाचा राजेंद्र अहिरवार का (26 मई 2024) रविवार शाम को शव लाते समय एम्बुलेंस का गेट खुलने से दलित युवती अंजना अहिरवार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह मौत सामान्य नहीं है। मौत के कारण स्वीकार योग्य नहीं हैं।

महिला कांग्रेस का कहना है कि इसके पहले दमोह जिले के दलित परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नरसिंहपुर जिले के करेली में एक दलित महिला की संदिग्ध अवस्था में लाश मिली। पन्ना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के दो मासूम बच्चों की गला रेत कर हत्या कर दी गई। वहीं, खंडवा में चार साल की बच्ची से गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया। ये घटनाएं बताती हैं कि प्रदेश में दलित समाज खुद को असुरक्षित समझ रहा है।

उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। अपनी जान को खतरा बताते हुए गांव छोड़कर चले गए दलितों को पुन: लाकर गांव में ही उनका सम्मानजनक रूप में विस्थापन किया जाए। अगर भाजपा सरकार का दलित विरोधी रवैया बरकरार रहा तो प्रदेश महिला कांग्रेस आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होगी।


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