देवेंद्र फडणवीस को हिदायत देने का उद्धव ठाकरे को कोई हक नहीं : भाजपा नेता रामकदम
भाजपा नेता रामकदम ने शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा

रामकदम का तीखा हमला : उद्धव ठाकरे को फडणवीस को हिदायत देने का कोई हक नहीं
- भाजपा नेता बोले- किसानों के हितों पर कोई समझौता नहीं, उद्धव की नसीहतें बेकार
- कोविड काल में बिरयानी खाने वाले हमें नसीहत न दें: रामकदम
- भारत की बढ़ती ताकत से पाकिस्तान डरा, आतंकवाद पर रामकदम का बयान
मुंबई। भाजपा नेता रामकदम ने शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को कोई हक नहीं है कि वे हमारे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को हिदायत दें। देवेंद्र फडणवीस सरकार हर व्यक्ति के हितों को विशेष प्राथमिकता देती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार हमेशा से ही किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है और हमेशा उनके बारे में सोचा है। लिहाजा, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसानों को हमारे रहते हुए घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता उस दिन को नहीं भूल सकती है जब कोविड काल में उद्धव ठाकरे अपने बंगले में बैठकर बिरयानी खा रहे थे। अब ऐसे लोग हमें नसीहत न ही दें तो बेहतर रहेगा। ऐसे लोगों के सुझावों की हमें कोई जरूरत नहीं है। हमारी सरकार हमेशा से ही जनता के हितों को तवज्जो देती आई है और आगे भी देती रहेगी। लोगों के हितों के साथ हमारी सरकार किसी भी प्रकार का समझौता नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि वह बहुत 'किसान-किसान' कर रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अब तक किसानों को कौन-कौन सी सहायता प्रदान की है, जरा खुलकर बताएंगे। सच्चाई तो यह है कि इन लोगों ने आज तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया।
भाजपा विधायक ने कहा कि उद्धव ठाकरे इस बात को भलीभांति समझ लें कि इस सरकार को उनके सुझाव की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारी सरकार किसानों के साथ हमेशा खड़ी थी और आगे भी खड़ी रहेगी। किसानों के हितों के साथ कोई खिलवाड़ हमें स्वीकार्य नहीं है।
भाजपा नेता रामकदम ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की ओर से आतंकवाद के संबंध में दिए बयान को उनके डर की उपज करार दिया। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में हमारा भारत बदल रहा है। इसकी सामरिक शक्ति मजबूत हो रही है। यह उसी का नतीजा है कि आज की तारीख में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस तरह का बयान देने पर मजबूर हो चुके हैं। यह कांग्रेस की सरकार नहीं है कि कोई भी आतंकवादी आकर यहां कुछ भी कर जाए और हम हाथ पर हाध धरकर बैठे रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तो 26 /11 के हमले के बाद सेना तत्कालीन सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोलने की मंजूरी मांग रही थी, लेकिन अफसोस उन्हें यह मंजूरी नहीं दी गई, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी की सरकार है, जो आतंकवादियों को घर में घुसकर मारने पर विश्वास रखती है।


