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सेना का साहस देश का स्वाभिमान, पीओके भारत को मिलना चाहिए : आनंद दुबे

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के करीब 12 से 13 विमान तबाह किए गए थे

सेना का साहस देश का स्वाभिमान, पीओके भारत को मिलना चाहिए : आनंद दुबे
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आनंद दुबे का बयान- सेना पर भरोसा, पाकिस्तान को सबक मिलना चाहिए

  • आरएसएस पर सवाल, पीओके की वापसी की मांग: शिवसेना प्रवक्ता का तीखा बयान
  • गाजा शांति समझौते का समर्थन, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील

मुंबई। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के करीब 12 से 13 विमान तबाह किए गए थे। उनके इस बयान का शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने स्वागत करते हुए कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा, “हमारी सेना पर हमें पूर्ण विश्वास है। वह जो कहती है, उसे कर दिखाती है। सौ से अधिक आतंकवादियों को मार गिराना सेना के साहस और देश के स्वाभिमान का प्रतीक है।”

आनंद दुबे ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए मांग की कि पीओके भारत को वापस मिलना चाहिए और पाकिस्तान का पूरी तरह समूल नाश होना चाहिए।

आनंद दुबे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी, लेकिन साथ ही सवाल भी उठाए।

उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ का हवाला देते हुए कहा, “आरएसएस कहता है कि भारत सबका देश है, फिर उनके नेता इस्लाम और अन्य समुदायों के खिलाफ जहर क्यों उगलते हैं? आरएसएस ने भाजपा को बड़ा किया, लेकिन आज भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है।”

उन्होंने कहा कि शिवसेना और आरएसएस की पुरानी मित्रता रही है, लेकिन जब भाजपा, आरएसएस के योगदान को नकारती है, तो यह दुखद है।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी ओर से 16-17 साल पुरानी बात उठाना सही नहीं है। अगर दबाव था तो स्पष्ट करें, किसी दिवंगत नेता जैसे डॉ. मनमोहन सिंह पर आरोप न लगाएं, जिन्होंने देश को सफलतापूर्वक संभाला। मनीष तिवारी और पी चिदंबरम दोनों कांग्रेस के नेता हैं, उन्हें ही स्पष्टीकरण देना चाहिए। अब देश की प्राथमिकता पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करना है। हमारी सेना को मौका मिलने पर पीओके वापस लेना चाहिए और ब्लूचिस्तान को न्याय दिलाना चाहिए। सेना घर में घुसकर पाकिस्तान को सबक सिखाएगी।

वहीं, फिलिस्तीनी समूह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा शांति समझौते के तहत इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए राजी हो गया है। इस घटनाक्रम पर आनंद दुबे ने कहा कि अगर इजरायली बंधकों को हमास की कैद से रिहा किया जा रहा है तो यह स्वागतयोग्य कदम है। किसी भी बंधक को अपने घर और परिवार में वापस लौटना चाहिए। चाहे मध्यस्थता डोनाल्ड ट्रंप की हो या किसी अन्य नेता की, मानवता के लिए यह आवश्यक है। इजरायल-हमास युद्ध अब समाप्त होना चाहिए, दोनों पक्षों को समझदारी से काम लेना चाहिए और विश्व को आतंकवाद का विरोध करना चाहिए। निर्दोष नागरिकों की हत्या किसी भी पक्ष में गलत है, इसलिए दोनों को अब युद्धविराम करना चाहिए।


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