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तहसीन पूनावाला का तंज- उद्धव-राज गठबंधन जनता के हितों से दूर

राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के गठबंधन पर सवाल उठाया

तहसीन पूनावाला का तंज- उद्धव-राज गठबंधन जनता के हितों से दूर
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कल तक ‘हम आपके हैं कौन’, आज ‘हम साथ-साथ हैं’: पूनावाला का व्यंग्य

  • संजय राउत और राज ठाकरे के पुराने बयानों पर उठाए सवाल, मांगी माफी
  • राजनीतिक विश्लेषक बोले-दोनों भाइयों को सिर्फ अपने बच्चों की चिंता
  • गठबंधन को बताया राजनीतिक लाभ की तलाश, जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं

पुणे। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के गठबंधन पर सवाल उठाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग कल तक एक-दूसरे पर यह कहते यह ताना मार रहे थे कि हम आपके हैं कौन? आज यही लोग हम साथ-साथ होने का दावा कर रहे हैं।

तहसीन पूनावाला ने शनिवार को दावा किया कि अगर कल महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस की तरफ से इनके बच्चों को कोई मंत्रालय दिया जाएगा, तो ये लोग कल वहां भी पर चले जाएंगे। इन लोगों को जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है। इसके विपरीत, ये लोग सिर्फ अपने लिए राजनीतिक लाभ अर्जित करने की संभावना तलाश रहे हैं, जिसे मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक विश्लेषक ने संजय राउत के बयान का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संजय राउत ने अपने बयान में कहा था कि मुस्लिमों से मताधिकार छीन लेना चाहिए। क्या संजय राउत के इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे माफी मांगेंगे? एक मुस्लिम कर्मचारी को रोजे के वक्त शिवसैनिकों की ओर से मुंह में जबरन खाना ठूंसने की कोशिश की गई। क्या इस व्यवहार पर खेद व्यक्त करते हुए उद्धव ठाकरे माफी मांगेंगे? इतना ही नहीं, राज ठाकरे ने कोरोना काल में अपने बयान में यहां तक कहा था कि मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति का उपचार नहीं होना चाहिए। क्या इसे लेकर उद्धव ठाकरे माफी मांगेंगे?

उन्होंने कहा कि मेरा सीधा सा सवाल है कि राज ठाकरे बार-बार अपने बयान में कहते हैं कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा लेना चाहिए। क्या राज ठाकरे अपने इस बयान के लिए माफी मांगेंगे? जवाब स्पष्ट है कि ये लोग ऐसा कुछ भी नहीं करने वाले हैं।

उन्होंने दावा किया कि इन दोनों भाइयों को न ही महाराष्ट्र की जनता के हितों से कोई लेना देना है और न मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति से कोई लेना देना है। इन लोगों को दोनों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। अगर इन दोनों को किसी के हितों से कोई सरोकार है, तो सिर्फ अपने बच्चों से है। ये लोग सिर्फ अपने बच्चों को राजनीति में समृद्ध करने के बारे में सोच रहे हैं। इस दिशा में इन लोगों ने पूरी रूपरेखा निर्धारित कर ली है, जिसे ये लोग मौजूदा समय में धरातल पर उतारने की कोशिश कर रहे हैं।


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