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सोलापुर में बाढ़ से 867 करोड़ रुपए का नुकसान, जानें किसानों को कब मिलेगा मुआवजा

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने बड़े पैमाने पर जनजीवन और कृषि क्षेत्र को प्रभावित किया है

सोलापुर में बाढ़ से 867 करोड़ रुपए का नुकसान, जानें किसानों को कब मिलेगा मुआवजा
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सोलापुर। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने बड़े पैमाने पर जनजीवन और कृषि क्षेत्र को प्रभावित किया है। जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का विस्तृत आकलन पूरा कर लिया गया है। प्रशासन ने 867 करोड़ रुपए के नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है।

इस आपदा से जिले की अर्थव्यवस्था को भारी धक्का लगा है, क्योंकि अधिकांश किसान अपनी फसलें और आजीविका दोनों गंवा चुके हैं।

जिला कलेक्टर कुमार आशीर्वाद ने जानकारी दी कि बाढ़ से लगभग छह लाख चार हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जिसमें विभिन्न प्रकार की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। करीब 7.60 लाख किसान बाढ़ की चपेट में आए हैं।

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से राहत पैकेज तैयार किया गया है और अगले एक-दो दिनों में किसानों के खातों में सहायता राशि जमा होनी शुरू हो जाएगी। प्रशासन का प्रयास है कि यह आर्थिक सहायता शीघ्र ही सभी पात्र किसानों तक पहुंचे ताकि वे अपने खेतों को दोबारा तैयार कर सकें और दीपावली से पहले कुछ राहत महसूस कर सकें।

जिला योजना समिति की ओर से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। कल से जिले के लगभग 15,000 सबसे अधिक प्रभावित परिवारों को दीपावली के लिए राशन किट उपलब्ध कराई जाएगी। किट में अठारह प्रकार की आवश्यक वस्तुएं शामिल की गई हैं, जिनमें चावल, दाल, तेल, मसाले, चीनी, नमक और अन्य दैनिक जरूरत की चीजें होंगी।

इन राहत सामग्रियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए बड़े ट्रक और छोटे टेंपो की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इन किटों का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाएगा ताकि हर जरूरतमंद तक यह सहायता समय पर पहुंचे।

इसके अलावा, मंत्री जयकुमार गोरे ने भी दिवाली के अवसर पर एक विशेष पहल की है। उन्होंने बताया कि 15,000 बाढ़ पीड़ित परिवारों को सरकारी राहत किट के साथ कपड़ों का उपहार भी दिया जाएगा। इसमें पुरुषों के लिए शर्ट-पैंट और महिलाओं के लिए साड़ियां शामिल हैं।

जिला कलेक्टर आशीर्वाद ने कहा कि यह पहल बाढ़ पीड़ितों को न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक रूप से भी सहारा देगी, ताकि वे त्योहार के समय कुछ खुशी महसूस कर सकें।


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