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एसआईआर मजबूत लोकतंत्र के लिए सकारात्‍मक कदम : आनंद परांजपे

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चुनाव आयोग द्वारा राज्य में चलाई जा रही एसआईआर प्रक्रिया का लगातार विरोध कर रही हैं

एसआईआर मजबूत लोकतंत्र के लिए सकारात्‍मक कदम : आनंद परांजपे
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मुंबई। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी चुनाव आयोग द्वारा राज्य में चलाई जा रही एसआईआर प्रक्रिया का लगातार विरोध कर रही हैं। इसी क्रम में एनसीपी के नेता आनंद परांजपे ने ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष लगातार वोटर लिस्ट को लेकर सवाल उठाता रहा है। चुनाव आयोग ममता बनर्जी और विपक्षी दलों के कहने पर एसआईआर कर रहा है। यह एक मजबूत लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सकारात्‍मक कदम है।

आनंद परांजपे ने कहा कि विपक्ष लगातार वोटर लिस्ट की बुराई करता रहा है। इन लिस्ट में कोई गलती नहीं होनी चाहिए, और यह सेंट्रल इलेक्शन कमीशन (ईसीसी) पर लगातार आरोप लगाया जाता रहा है। अब, ईसीसी वोटर लिस्ट को ठीक से फिर से बनाने के लिए 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) लागू कर रहा है। क्या हमें इस पहल का विरोध करना चाहिए या इसका स्वागत करना चाहिए? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, जो एक संवैधानिक पद पर हैं, उन्हें इस मामले पर बयान देने से पहले ध्यान से सोचना चाहिए। चुनाव आयोग उनके कहने पर यह एसआईआर कर रहा है। इस प्रोसेस से वोटर लिस्ट को ठीक से अपडेट किया जाएगा और मौजूदा कमियों को ठीक किया जाएगा। यह एक मजबूत लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए एक सकारात्‍मक कदम है।

आनंद परांजपे ने अंजलि दमानिया के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार को इस्‍तीफा देने वाले बयान को निंदनीय बताया है। उन्‍होंने कहा कि आज मैं सामाजिक कार्यकर्ता और जानी-मानी हस्ती अंजलि दमानिया का जिक्र करना चाहूंगा। उन्होंने राज्य के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार से 24 घंटे के अंदर इस्तीफा मांगा है। महाराष्ट्र कैबिनेट में कौन मिनिस्टर बनेगा और कौन नहीं यह अधिकार पूरी तरह से राज्य के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है। लेकिन बदकिस्मती से आज संविधान दिवस पर एक बहुत ही दुखद स्थिति पैदा हो गई है। जब पूज्य डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने इस देश को अपना संविधान दिया और भारत का लोकतंत्र उस सबसे बड़े संविधान के हिसाब से चलता है। इसी संविधान के मुताबिक जनता ने महायुति की सरकार को चुना है। वहीं, संवैधानिक पद पर आसीन उपमुख्‍यमंत्री को 24 घंटे में इस्‍तीफा देने की वार्निंग दी गई है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है, मैं इसका विरोध करता हूं। लोकतंत्र में उन्‍हें आरोप लगाने का अधिकार है। इस प्रकार की भाषा का इस्‍तेमाल दुर्भाग्‍यपूर्ण है।

आनंद परांजपे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री का ट्वीट इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में बहुत अहमियत रखता है। 2014 से पहले, भारत की इमेज एक ऐसे देश की थी जो बार-बार आतंकी हमलों से परेशान रहता था। लेकिन, 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में यह सोच बदल गई है। आज भारत न सिर्फ अपने बॉर्डर की रक्षा करना जानता है, बल्कि उन्हें पार करके आतंकी केंद्रों को खत्म करने की ताकत भी रखता है। यह ताकत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप का सबूत है, जिसे इजरायली प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में माना है। यह आज की वैश्विक राजनीति में भारत की मजबूत और अहम जगह को साफ दिखाता है।

टी20 वर्ल्ड कप शेड्यूल को लेकर विवाद शुरू हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने फाइनल मैच के लिए अहमदाबाद को प्राथमिक वेन्यू बनाए जाने पर आईसीसी पर फेवरिटिज्म का आरोप लगाया है। इस पर आनंद परांजपे ने कहा कि क्रिकेट पर राजनीति उचित नहीं है। आदित्य ठाकरे को मेरी सलाह है कि जब कोई इंटरनेशनल टूर्नामेंट होता है तो उसमें आईसीसी और बीसीसीआई की भूमिका रहती है। वहीं, वेन्‍यू का निर्धारण दोनों संस्‍थाएं करती हैं। इसमें न तो केंद्र और न ही राज्‍य का हस्‍तक्षेप होता है


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