सीएम योगी के खिलाफ मौलाना के बयान को रोहित पवार ने गलत बताया
'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद को लेकर एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने कहा कि नकारात्मकता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

'आई लव' विवाद पर रोहित पवार बोले- नकारात्मकता बर्दाश्त नहीं
- सीएम योगी पर मौलाना की टिप्पणी को पवार ने बताया गलत
- रोहित पवार ने की सामाजिक सद्भाव की अपील, मौलाना के बयान की निंदा
मुंबई। 'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद को लेकर एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने कहा कि नकारात्मकता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एनसीपी (एसपी) नेता ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग 'आई लव मुहम्मद' कह सकते हैं, जबकि हिंदू लोग 'आई लव महाकाल' का नारा लगा सकते हैं। दोनों बयान अपनी जगह सही हैं, लेकिन इनकी आड़ में नकारात्मकता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने महाराष्ट्र के बीड़ जिले में 'आई लव मोहम्मद' कार्यक्रम के दौरान एक मौलाना की ओर से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई बयानबाजी को गलत करार दिया है। मौलाना ने सीएम योगी के खिलाफ अपशब्द कहे थे।
एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने आईएएनएस से बातचीत में एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने सुना कि 'आई लव मुहम्मद' का नारा देकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि हम संविधान को मानने वाले लोग हैं। संविधान हमें अधिकार देता है कि हम अपने धर्म के अनुसार और अपने गुरुओं की प्रशंसा कर सकें। लेकिन अगर कोई दूसरे व्यक्ति या समुदाय के बारे में गलत या अपमानजनक बातें करता है, तो वह निंदनीय है।
पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि नकारात्मक चीजों को लेकर राजनीति करने वाली पार्टियां इस विषय पर आगे भी राजनीति करेंगी, जिससे मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान हट जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस विवाद का फायदा भाजपा को मिल सकता है, क्योंकि मुंबई में बीएमसी चुनाव नजदीक हैं।
एनसीपी नेता ने स्पष्ट किया कि हिंदू-मुस्लिम समुदायों में कई धर्मगुरु होते हैं। अगर किसी एक की ओर से कोई नकारात्मक बात की जाती है, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरी कौम ऐसी बातें कर रही है। हमें सामाजिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए।
बता दें कि यूपी के कानपुर में 'आई लव मुहम्मद' बैनर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से उपजा विवाद है, जो अब अन्य शहरों तक फैल चुका है। वाराणसी में हिंदू समुदाय ने जवाब में 'आई लव महादेव' और 'आई लव राम' जैसे काउंटर-कैंपेन शुरू किए हैं, जबकि सोशल मीडिया पर यह बहस तेज हो गई है।


