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बढ़ता कर्ज ही चंद्रबाबू नायडू का असली विजन : जगन मोहन रेड्डी

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने टीडीपी नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के आर्थिक प्रदर्शन पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि “कम राजस्व वृद्धि, कम पूंजीगत व्यय और बढ़ता कर्ज ही मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का असली विजन है”

बढ़ता कर्ज ही चंद्रबाबू नायडू का असली विजन : जगन मोहन रेड्डी
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कम राजस्व वृद्धि, बढ़ता कर्ज ही चंद्रबाबू नायडू का ‘विजन’: जगन मोहन रेड्डी

अमरावती। पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने टीडीपी नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के आर्थिक प्रदर्शन पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि “कम राजस्व वृद्धि, कम पूंजीगत व्यय और बढ़ता कर्ज ही मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का असली विजन है।”

जगन ने रविवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के लिए कैग द्वारा जारी आंकड़े राज्य सरकार के राजस्व में बेहद निराशाजनक वृद्धि दिखाते हैं। यह टीडीपी और जनसेना पार्टी (जेएसपी) द्वारा चुनाव के दौरान किए गए बड़े-बड़े दावों के बिल्कुल विपरीत है।

उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीपी गठबंधन सरकार के वित्तीय प्रदर्शन का एक सरसरी आकलन ही उनकी नाकामियों को उजागर कर देता है। कैग के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2025-26 की पहली छमाही में राज्य के अपने कर राजस्व में वर्ष-दर-वर्ष केवल 7.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2025-26 में सुधार की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत इशारा करते हैं।

जगन ने कहा कि जीएसटी और बिक्री कर इन दोनों का कुल राजस्व इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में केवल 2.85 प्रतिशत बढ़ा है।

उन्होंने बताया कि यदि 2023-24 से 2025-26 की दो वर्षीय अवधि के पहले छह महीनों के राजस्व की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) देखी जाए, तो स्थिति और खराब है, राज्य के अपने कर राजस्व की वृद्धि केवल 2.75 प्रतिशत रही है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री नायडू लोगों को तेज आर्थिक प्रगति की बात बता रहे हैं।

जगन ने कहा कि टीडीपी गठबंधन सरकार ने 2024-25 में 12.02 प्रतिशत और 2025-26 में 17.1 प्रतिशत जीएसडीपी वृद्धि का दावा किया है। इस तरह की आर्थिक वृद्धि का अर्थ है भारी खपत और निवेश, जिसका प्रतिबिंब कर राजस्व की 12–15 प्रतिशत वृद्धि में दिखना चाहिए था, लेकिन वास्तविकता में कर राजस्व की वृद्धि दर मात्र 2.75 प्रतिशत रही है, जो सरकार के दावों को गलत साबित करती है।

उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय का प्रदर्शन तो और भी खराब है, जिसमें पिछले दो वर्षों में 16 प्रतिशत की नकारात्मक सीएजीआर दर्ज की गई है।

जगन ने बताया कि 2025-26 की पहली तिमाही में राज्य के अपने राजस्व में वर्ष-दर-वर्ष मात्र 3.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जीएसटी और बिक्री कर का संयुक्त राजस्व पिछले वर्ष की समान अवधि से भी कम रहा। इसके बावजूद सरकार 10.50 प्रतिशत जीएसडीपी वृद्धि का दावा कर रही है, जिसे उन्होंने “अतार्किक” बताया।


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