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पीएम मोदी महान हैं, आखिर वो क्यों बनेंगे पंडित नेहरू जैसा : मनीषा कायंदे

‘सामना’ ने अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में कहा कि वो कभी-भी पंडित जवाहर लाल नेहरू की बराबरी नहीं कर सकते हैं

पीएम मोदी महान हैं, आखिर वो क्यों बनेंगे पंडित नेहरू जैसा : मनीषा कायंदे
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  • मनीषा कायंदे ने 'सामना' के संपादकीय पर साधा निशाना, कहा: पीएम मोदी महान, नेहरू से बेहतर

मुंबई। ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में कहा कि वो कभी-भी पंडित जवाहर लाल नेहरू की बराबरी नहीं कर सकते हैं। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंडित नेहरू की तरह क्यों बनेंगे? प्रधानमंत्री मोदी महान हैं और वो पंडित नेहरू से कई मामलों में बेहतर हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारा देश आए दिन सफलता के कई नए प्रतिमान गढ़ रहा है, जिसे पूरी दुनिया खुद अपनी आंखों से देख रही है। प्रधानमंत्री मोदी को पंडित नेहरू बनने की जरूरत भी नहीं है।

'सामना' के लेख को मनीषा कायंदे ने बताया 'पत्रकारों के लिए', कहा - गंभीरता से न लें

उन्होंने सामना के संदर्भ में कहा, ''मुझे लगता है कि इसे ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसे केवल पत्रकारों के द्वारा ही पढ़ा जाता है। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता है कि सामना में प्रकाशित सामग्रियों को ज्यादा गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।''

'ऑपरेशन सिंदूर' पर विपक्ष को मनीषा कायंदे ने घेरा, कहा - सांसद पर कार्रवाई क्यों नहीं?

उन्होंने कांग्रेस की युवा सांसद परणीति शिंदे की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘तमाशा’ कहे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए। इनके एक सांसद ने सेना के शौर्य पर सवाल उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा तक कह दिया, लेकिन अभी तक इन लोगों ने इस सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

इसके अलावा, उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दिए संबोधन को सत्य बताया और कहा कि उनके संबोधन पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। वो जो भी कह रहे हैं, बिल्कुल सच कह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री ने विपक्ष के कई नेताओं को विदेश भेजा, ताकि वो इसकी जरूरत के बारे में वैश्विक मंच पर लोगों को अवगत करा सके। इस समूह में विपक्ष के कई नेताओं को अगुवाई करने का मौका प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दिया गया, जिसका नतीजा हुआ कि आज की तारीख में कई देशों को पाकिस्तान को लेकर अपनी सोच बदलनी पड़ी। उन्हें यह स्वीकारना पड़ा कि किस प्रकार भारत मौजूदा समय में आतंकवाद से जूझ रहा है।

पीओके पर मनीषा कायंदे ने कांग्रेस से पूछा सवाल: नेहरू सरकार की क्या मजबूरियां थीं?

वहीं, गौरव गोगोई की ओर से पीओके को वापस लेने के बयान पर मनीषा कायंदे ने कहा कि नेहरू सरकार के सामने क्या मजबूरियां थीं। इसके बारे में पहले कांग्रेस को बताना चाहिए।

कायंदे ने आगे कहा कि एनडीए सरकार के नेतृत्व में एक ना एक दिन पीओके हमारा जरूर होगा।


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