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ओबीसी समाज को किसी भी नेता पर भरोसा करने के बजाय खुद ही लड़नी होगी लड़ाई: प्रकाश आंबेडकर

वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी आरक्षण विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है

ओबीसी समाज को किसी भी नेता पर भरोसा करने के बजाय खुद ही लड़नी होगी लड़ाई: प्रकाश आंबेडकर
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प्रकाश आंबेडकर का आह्वान: ओबीसी समाज को खुद लड़नी होगी अपनी लड़ाई

  • मराठा आरक्षण पर सरकार का फैसला भ्रामक और असंवैधानिक: आंबेडकर
  • मुंबई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है सरकार का जीआर
  • ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण का विरोध, अलग व्यवस्था की मांग

मुंबई। वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी आरक्षण विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ओबीसी समाज से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने का आह्वान किया।

प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि ओबीसी समाज को किसी भी नेता पर भरोसा करने के बजाय स्वयं अपनी लड़ाई लड़नी होगी। अगर ओबीसी समाज सक्रिय नहीं हुआ, तो उनके मौजूदा अधिकार भी छिन सकते हैं।

प्रकाश आंबेडकर ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए मराठा समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे दावे, जिसमें सभी मराठा समाज को आरक्षण देने की बात कही जा रही है, पूरी तरह भ्रामक है। भाजपा ने दिखावा किया कि उसने इस अनसुलझी समस्या का समाधान कर दिया है। यह फैसला बेवकूफी और गुमराह करने वाला है।

आंबेडकर ने स्पष्ट किया, “मुंबई हाई कोर्ट का फैसला साफ है कि पूरे मराठा समाज को कुणबी मानना गलत और असंभव है। सरकार का हालिया जीआर (शासकीय आदेश) हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मराठा आरक्षण को खारिज किया। भाजपा इस मुद्दे पर झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है।”

आंबेडकर ने अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वे मराठा समाज को आरक्षण देने के पक्ष में हैं, लेकिन यह ओबीसी कोटे से नहीं होना चाहिए। ओबीसी को अब अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। विरोध प्रदर्शन, मार्च, बैठकें करनी होंगी और ओबीसी मंत्रियों को कैबिनेट पर दबाव बनाना होगा। वंचित बहुजन आघाडी का साफ तौर पर मानना है कि मराठा और ओबीसी आरक्षण अलग-अलग होना चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा, “ओबीसी का आरक्षण केवल ओबीसी समाज के लिए है। मराठा समाज को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए। सरकार की कोशिश दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की है।"'


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