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महाराष्ट्र के दूसरे शहरों की तरह मराठवाड़ा का भी हो विकास: अंबादास दानवे

शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने महाराष्ट्र सरकार पर मराठवाड़ा की उपेक्षा का आरोप लगाया। संभाजीनगर में दानवे ने कहा कि मराठवाड़ा आज भी पिछड़े इलाकों में गिना जाता है

महाराष्ट्र के दूसरे शहरों की तरह मराठवाड़ा का भी हो विकास: अंबादास दानवे
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मराठवाड़ा की उपेक्षा पर अंबादास दानवे का हमला: "विकास से वंचित है पूरा क्षेत्र"

  • "मराठवाड़ा को भी मिले बराबरी का हक" - शिवसेना (यूबीटी) नेता की मांग
  • अंबादास दानवे बोले: किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही सरकार
  • लोकतंत्र पर हमला और मौलिक अधिकारों पर खतरा - केंद्र सरकार पर दानवे का निशाना

छत्रपति संभाजीनगर। शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने महाराष्ट्र सरकार पर मराठवाड़ा की उपेक्षा का आरोप लगाया। संभाजीनगर में दानवे ने कहा कि मराठवाड़ा आज भी पिछड़े इलाकों में गिना जाता है। महाराष्ट्र के दूसरे शहरों की तरह मराठवाड़ा का भी विकास होना चाहिए।

शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने मीडिया से बातचीत के दौरान याद दिलाया कि दो साल पहले महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक संभाजीनगर में हुई थी, जिसमें मराठवाड़ा के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया गया था। लेकिन उन योजनाओं पर अब तक अमल नहीं हुआ, इसी वजह से यह इलाका विकास से पीछे रह गया है। यह मराठवाड़ा के साथ अन्‍याय है, हम इसका विरोध करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ दिनों से हुई भारी बारिश ने मराठवाड़ा में भारी तबाही मचाई है। करीब 2 लाख किसानों को नुकसान हुआ है और लगभग 4500 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। बावजूद इसके, राज्य सरकार ने अब तक मराठवाड़ा को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं किया है। दानवे के मुताबिक सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है।

दानवे ने भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर हो रही बैठक पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि इस बैठक से कोई ठोस समाधान नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, उसका भी कोई फायदा नहीं होगा और भारत की राष्ट्रीय नीति सिर्फ दिखावे तक सीमित है।

बंगाल में एसआईआर की तैयारियों को लेकर दानवे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस माध्यम से लोकतंत्र पर हमला कर रही है और संविधान को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि भाजपा चुनाव आयोग के जरिए लोगों के मौलिक अधिकार छीनने पर तुली है।

दानवे ने यह भी कहा कि अब छोटे-छोटे आंदोलनों की जानकारी भी गृह विभाग को केंद्र सरकार को देनी होगी। इसका मतलब है कि जो भी आंदोलन करेगा, वह सीधे सरकार के निशाने पर आ जाएगा।


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