मराठा आरक्षण : जरांगे खत्म करेंगे आंदोलन, सरकार ने मानी मांगे
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। पिछले 5 दिनों से मनोज जरांगे अपने हज़ारों समर्थकों के साथ मुंबई के आज़ाद मैदान में डेरा डाले हुए हैं। उनके आंदोलन में उमड़ी भीड़ ने मुंबई की रफ़्तार को धीमा कर दिया, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा

मराठा आरक्षण पर फडणवीस सरकार ने टेक दिए घुटने, मानी जरांगे की शर्ते, खत्म होगा आंदोलन
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। पिछले 5 दिनों से मनोज जरांगे अपने हज़ारों समर्थकों के साथ मुंबई के आज़ाद मैदान में डेरा डाले हुए हैं। उनके आंदोलन में उमड़ी भीड़ ने मुंबई की रफ़्तार को धीमा कर दिया, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने जरांगे को आजाद मैदान खाली करने के आदेश दिए। जिसके बाद टकराव की स्थिति भी बन गई, बाद में फडणवीस सरकार ने घुटने टेक दिए। मनोज जरांगे और उनके आंदोलन को बड़ी जीत मिली है।
सरकार ने हैदराबाद गजट को जारी कर दिया है यानि कि मराठा समाज के लोगों को 'कुनबी' जाति का दर्ज प्राप्त होगा। कुनबी जाति को पहले ही प्रदेश में ओबीसी में शामिल हैं यानी अब महाराष्ट्र में मराठा समुदाय ओबीसी की कैटेगिरी में शामिल हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से मराठाओं को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार की ओर से गजट जारी करने के पहले मनोज जरांगे ने आमरण अनशन खत्म करने को लेकर कुछ शर्तें रखीं थीं इसमें मराठा समाज को कुनबी जाति में शामिल करने की मांग सबसे प्रमुख था। अब सरकार की ओर से जीआर जारी हो गई है। आजाद मैदान में जरांगे समर्थक जीत का जश्न मना रहे हैं।
जरांगे ने साफ कर दिया है अब हम आजाद मैदान खाली कर देंगे। सरकार के फैसले से मराठाओं में तो खुशी दिख रही है लेकिन अब ओबीसी समुदाय की तरफ से नया मोर्चा खुलने की आशंका दिखाई दे रही है। सरकार में मंत्री और अजित गुट के नेता छगन भुजबल पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर मराठाओं को ओबीसी का दर्जा दिया गया तो लाखों ओबीसी सड़क पर आ जाएंगे। ऐसे में फडणवीस सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है।


