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महाराष्ट्र : ओबीसी वर्ग के लिए बनी नई उप-समिति, चंद्रशेखर बावनकुले होंगे अध्यक्ष

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एक नई उप-समिति का गठन किया है

महाराष्ट्र : ओबीसी वर्ग के लिए बनी नई उप-समिति, चंद्रशेखर बावनकुले होंगे अध्यक्ष
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महाराष्ट्र में ओबीसी कल्याण के लिए नई उप-समिति गठित, चंद्रशेखर बावनकुले बने अध्यक्ष

  • ओबीसी वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर काम करेगी समिति
  • तीन सत्ताधारी दलों के 8 सदस्य शामिल
  • समिति की सिफारिशों के आधार पर बनेगी सरकारी नीति
  • मराठा आरक्षण के लिए भी नई प्रक्रिया लागू

मुंबई। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एक नई उप-समिति का गठन किया है। यह समिति ओबीसी वर्ग की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति को लेकर योजनाएं तैयार करेगी और उनके विकास के लिए कार्य करेगी।

इस नई उप-समिति की कमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले को सौंपी गई है। वे इस समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में कुल 8 सदस्य शामिल किए गए हैं, जो राज्य की तीन प्रमुख सत्ताधारी पार्टियों से आते हैं।

समिति के सदस्यों में छगन भुजबल (एनसीपी), गणेश नाइक (भाजपा), गुलाबराव पाटिल (शिवसेना), संजय राठौड़ (शिवसेना), पंकजा मुंडे (भाजपा), अतुल सावे (भाजपा) और दत्तात्रेय भराणे (एनसीपी) के नाम शामिल हैं। दलों के अनुसार, भाजपा से 4, शिवसेना से 2 और एनसीपी से 2 सदस्य शामिल हैं।

इस समिति का मुख्य उद्देश्य ओबीसी समाज की स्थिति का आकलन करना और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाना है। इसमें शिक्षा, रोजगार, आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक उत्थान जैसे मुद्दों पर विशेष फोकस किया जाएगा।

समिति की बैठकों में समाज के विभिन्न वर्गों की राय ली जाएगी और जमीनी स्तर पर जाकर समस्याओं की पहचान की जाएगी। उसके बाद सरकार को ठोस सिफारिशें भेजी जाएंगी ताकि नीति निर्माण में उनका उपयोग किया जा सके।

बता दें कि मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर एक नया जीआर जारी किया, जिसके तहत मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों को 'कुणबी', 'मराठा-कुणबी' या 'कुणबी-मराठा' के रूप में जाति प्रमाणपत्र जारी करने की स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित की गई है।

यह समिति स्थानीय स्तर पर संबंधित आवेदक की जांच करेगी। जिन लोगों के पास भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे 13 अक्टूबर 1967 से पहले के निवास का उल्लेख करते हुए शपथपत्र दे सकते हैं। समिति की जांच के बाद सक्षम प्राधिकारी जाति प्रमाणपत्र जारी करेगा।


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