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महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम: किसानों की कर्जमाफी के लिए उच्चाधिकार समिति गठित

महाराष्ट्र की सरकार ने किसानों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। किसानों की कर्जमाफी को लेकर सरकार ने उच्चाधिकार समिति गठित करने का फैसला लिया है

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम: किसानों की कर्जमाफी के लिए उच्चाधिकार समिति गठित
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कर्जमाफी पर सरकार का फैसला, बच्चू कडू के आंदोलन के बाद बनी समिति

  • किसानों को राहत देने की तैयारी, महाराष्ट्र में कर्जमाफी पर छह महीने में रिपोर्ट
  • एमएसपी और कर्जमाफी की मांग के बीच सरकार ने बनाई उच्चाधिकार समिति
  • किसानों के आंदोलन का असर, महाराष्ट्र सरकार ने कर्जमाफी पर समिति गठित की

मुंबई। महाराष्ट्र की सरकार ने किसानों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। किसानों की कर्जमाफी को लेकर सरकार ने उच्चाधिकार समिति गठित करने का फैसला लिया है।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह निर्णय किसान नेता और विधायक बच्चू कडू के हालिया आंदोलन के बाद लिया गया है। किसान नेता के आंदोलन को देखते हुए, जिसके चलते सरकार को किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करना पड़ा।

सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इस उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री के प्रमुख आर्थिक सलाहकार और मित्रा समूह के सीईओ प्रवीण परदेशी होंगे। साथ ही, समिति में कुल 9 सदस्य होंगे, जिनमें महसूल, वित्त, कृषि, सहकार और विपणन विभागों के अपर मुख्य सचिव, साथ ही महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं।

सरकार ने समिति को 6 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। यह समिति किसानों की कर्जमुक्ति के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन सिफारिशें तैयार करेगी।

बता दें कि महाराष्ट्र में कई जिलों में किसान सड़क पर उतर गए हैं और ट्रैक्टर मार्च के जरिए वे सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस आंदोलन की अगुवाई बच्चू कडू कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में शुरू हुआ यह मार्च अब पूरे राज्य में फैल चुका है। आंदोलन कर रहे किसानों की प्रमुख मांग में एमएसपी की गारंटी और कर्जमाफी शामिल है।

किसानों के इस आंदोलन में बच्चू कडू मुखरता से आगे आए हैं। कडू का कहना है कि प्रदेश सरकार ने किसानों से कई वादे किए, लेकिन उन्हें कभी पूरा नहीं किया है। कडू की मानें तो किसानों की प्रमुख मांग पूर्ण कर्जमाफी, एमएसपी की कानूनी गारंटी, सोयाबीन की खरीद एनएएफईडी से कराना और भावांतर योजना को लागू कराना है।


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