Top
Begin typing your search above and press return to search.

महाराष्ट्र के मछुआरे अब कहलाएंगे किसान, देशभर में लागू हो सकता है मॉडल

महाराष्ट्र सरकार ने 2024-25 में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के मछुआरों को किसानों का दर्जा देने का निर्णय लिया था

महाराष्ट्र के मछुआरे अब कहलाएंगे किसान, देशभर में लागू हो सकता है मॉडल
X

मछुआरों को मिला किसान का दर्जा, नितेश राणे बोले– पूरे देश में अपनाई जाएगी नीति

  • समुद्री अन्न के उत्पादक को मिला सम्मान, मछुआरे बनेंगे किसान
  • महाराष्ट्र की ऐतिहासिक पहल: मछुआरों को मिला किसान का दर्जा
  • मछुआरों की पहचान को मिला नया दर्जा, केंद्र सरकार कर रही मॉडल नीति पर विचार

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने 2024-25 में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के मछुआरों को किसानों का दर्जा देने का निर्णय लिया था। यह फैसला न केवल समुद्र किनारे बसे लाखों मछुआरा परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है, बल्कि अब यह पूरे देश के लिए एक मॉडल नीति बन सकता है।

राज्य के मंत्री नितेश राणे ने इस फैसले को लेकर बताया कि केंद्र सरकार ने इस पूरी पहल से संबंधित जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने हमारे विभाग के सचिव रामस्वामी के माध्यम से सभी आवश्यक दस्तावेज और विवरण मांगे हैं। केंद्र इस बात का अध्ययन कर रहा है कि महाराष्ट्र ने मछुआरों को किसान का दर्जा देकर किस तरह इतनी बड़ी राहत और समर्थन दिया है।"

नितेश राणे ने बताया कि यह फैसला सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बड़ा परिवर्तन है। मछुआरों को किसान का दर्जा मिलने के बाद उन्हें वही अधिकार और सुविधाएं मिलेंगी, जो अब तक खेती करने वाले किसानों को मिलती रही हैं। जैसे सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता, सब्सिडी, ऋण में छूट, बीमा योजनाओं में शामिल होने का मौका और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ।

राणे ने कहा कि इस फैसले से न केवल मछुआरों की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि उत्पादन और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।

उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि जैसे किसान खेत में अन्न पैदा करता है, वैसे ही मछुआरा समुद्र से अन्न यानी ‘समुद्री अन्न’ निकालता है, इसलिए दोनों का दर्जा समान होना चाहिए।"

उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार अब इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है।

राणे ने कहा, "केंद्र सरकार के स्तर पर इस नीति पर चर्चा चल रही है कि महाराष्ट्र की इस पहल को देशभर में कैसे अपनाया जा सकता है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह मॉडल अब पूरे भारत में लागू होगा।"

इस कदम से महाराष्ट्र एक बार फिर सामाजिक और आर्थिक सुधारों में 'मॉडल स्टेट' के रूप में उभरकर सामने आया है।

मछुआरे समुदाय में इस फैसले को लेकर जबरदस्त उत्साह है। कई संगठनों ने इसे 'ऐतिहासिक' और 'मछुआरों की असली पहचान देने वाला कदम' बताया है।

नितेश राणे ने कहा, "महाराष्ट्र ने जो शुरुआत की है, वह अब पूरे देश में लागू होगी।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it