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मुंबई नगर निगम चुनाव में भाजपा और शिवसेना कितने सीटों पर लड़ेंगे, किया ऐलान
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। पार्टी ने कहा है कि वह इन चुनावों में अपने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के बच्चों या करीबी रिश्तेदारों को टिकट नहीं देगी।

मुंबई : बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव (BMC Election) के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच तालमेल हो गया है। इस चुनाव में भाजपा 137 और शिवसेना 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। 30 दिसंबर को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले सोमवार को हुई गहन वार्ता के बाद सीट बंटवारे पर समझौता हुआ। मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम ने कहा कि दोनों दल अपने-अपने कोटे की कुछ सीटें गठबंधन सहयोगियों को आवंटित करेंगे। दोनों दलों के उम्मीदवार मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं।
राकांपा अलग रहकर लड़ रही चुनाव
महायुति की एक अन्य घटक अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा अलग रहकर चुनाव लड़ रही है। राकांपा ने अब तक बीएमसी चुनाव के लिए 64 उम्मीदवारों की घोषणा की है। मुंबई समेत महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन शुरू होगी। 2017 में हुए बीएमसी चुनाव में भाजपा ने शिवसेना के गढ़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए 82 सीटें जीतीं, जो कि अविभाजित शिवसेना से सिर्फ दो सीटें कम थीं।
आरपीआइ ने अकेले चुनाव लड़ने की धमकी दी
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी आरपीआइ ने भाजपा और शिवसेना से ठंडी प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए नवी मुंबई नगर निगम चुनाव अकेले लड़ने की धमकी दी है। पार्टी ने खुद को एक भी सीट नहीं दिए जाने पर निराशा व्यक्त की है। आरपीआइ केंद्र और राज्य सरकार में भाजपा की सहयोगी पार्टी है। कांग्रेस ने सोमवार को बीएमसी चुनाव के लिए 70 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी। पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ सीटों पर समझौते के एक दिन बाद कांग्रेस ने अपनी सूची जारी की है।
सांसदों, विधायकों के बच्चों को टिकट नहीं देगी भाजपा
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। पार्टी ने कहा है कि वह इन चुनावों में अपने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के बच्चों या करीबी रिश्तेदारों को टिकट नहीं देगी। इस नीति का उद्देश्य "परिवारवाद की राजनीति" के आरोपों का मुकाबला करना और स्थापित नेताओं के परिवार के बजाय वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देकर चुनावी आधार बढ़ाना है। भाजपा सांसद धनंजय महादिक ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पार्टी नेतृत्व ने आंतरिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए इस नीति को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है।
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