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बीएमसी चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे तो असर पड़ेगा : हुसैन दलवई

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई का मानना है कि अगर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) बीएमसी चुनाव में एकसाथ मिलकर लड़ेगी तो इसका असर परिणाम पर पड़ेगा

बीएमसी चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे तो असर पड़ेगा : हुसैन दलवई
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मुंबई। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई का मानना है कि अगर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) बीएमसी चुनाव में एकसाथ मिलकर लड़ेगी तो इसका असर परिणाम पर पड़ेगा। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान आखिर समय तक सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाने में हुई देरी की वजह से जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं गया। इसी कारण इस तरह की चीजें भविष्य में नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो गठबंधन में साथ रहने का कोई मतलब नहीं बनता है।

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि उद्धव ठाकरे सही हैं। हम सभी को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। मेरा मानना है कि आगामी चुनावों में भी अगर हम संयुक्त रूप से मैदान में उतरेंगे, तो इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी में कोई दिक्कत नहीं है। दिल्ली में महाविकास अघाड़ी की बहुत अच्छी बैठक हुई है।

उन्होंने भाषा विवाद पर कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी थोपने की कोशिश किसने की? भाजपा सांसद निशिकांत दुबे जो बयान दे रहे हैं, उससे वह क्या साबित करना चाहते हैं? महाराष्ट्र में मराठी हमारी मातृभाषा और मूल भाषा है। तो, महाराष्ट्र में मराठी का विरोध करने का सवाल ही कहां उठता है? आपको यह भाषा सीखनी होगी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जबरदस्ती हिंदी सिखाने के लिए साजिश की गई। अगर कोई जबरदस्ती करेगा तो स्वाभाविक है, इसका विरोध किया जाएगा।

कांग्रेस नेता ने उन घटनाओं की भी निंदा की, जिसमें मराठी नहीं बोलने पर हिंदी भाषियों को पीटा गया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि बहुत सारे मुस्लिम नेता हैं, जो बहुत अच्छे से मराठी बोलते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में हिंदी थोपने को संघ का एजेंडा बताया।

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री के वायरल वीडियो पर उन्होंने कहा कि विधानसभा में लोगों की समस्याओं से जुड़े मुद्दों को जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाया जाता है। लेकिन, कृषि मंत्री को शायद विधानसभा में मोबाइल में वीडियो गेम खेलना पसंद है। उन्हें कार्य करने के लिए जो विभाग दिया गया है, लगता है उसमें उनकी कोई रूचि नहीं है।

उन्होंने मानसून सत्र को लेकर कहा कि जो भी मुद्दे होंगे, उन पर चर्चा की जाएगी। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर भी चर्चा होनी तय है। राहुल गांधी जो सवाल उठा रहे हैं, वह ठीक है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से जो दावा किया गया है, उसे लेकर संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में बहुत सारे मुद्दे होते हैं, जिन पर चर्चा की जाती है।

उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान पर कहा कि बिल्कुल सही बात है, वो सही बोल रहे हैं। इस देश में क्या हो रहा है, संसद में चर्चा होनी चाहिए। जहां युद्ध का सवाल और देश की बात आएगी तो हम सभी एक हैं। अगर सरकार से गलतियां होंगी तो इस पर बोलना भी जरूरी है।


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