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देशभर में शुरू हुआ मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम तो विपक्षी पार्टियों के सांसद करेंगे इसका विरोध : अरविंद सावंत

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने शनिवार को निर्वाचन आयोग को गुलाम बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर आयोग किसके इशारे पर काम कर रहा है

देशभर में शुरू हुआ मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम तो विपक्षी पार्टियों के सांसद करेंगे इसका विरोध  : अरविंद सावंत
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देशभर में शुरू हुआ मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम तो विपक्षी पार्टियों के सांसद करेंगे इसका विरोध

  • मतदाता सूची पुनरीक्षण पर बयान
  • चुनाव आयोग पर टिप्पणियाँ
  • विपक्ष की प्रतिक्रिया
  • मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोप
  • चुनावी प्रक्रिया पर सवाल

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने शनिवार को निर्वाचन आयोग को गुलाम बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर आयोग किसके इशारे पर काम कर रहा है? यह साफ होना चाहिए।

उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर आशंका जताई कि अभी यह बिहार और बंगाल तक ही सीमित है। लेकिन, मैं एक बात दावे के साथ कहता हूं कि आने वाले दिनों में यह लोग इस मतदाता सूची पुनरीक्षण को पूरे देश में शुरू करने जा रहे हैं, इसलिए हम लोग सभी विपक्षी पार्टियों के सांसद इसका विरोध कर रहे हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण का सहारा लेकर ये लोग राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह लोग जानबूझकर मतदाता सूची पुनरीक्षण में मरे हुए लोगों का नाम शामिल कर रहे हैं और फिर कह रहे हैं कि मतदाता सूची में गड़बड़ी है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। आखिर ऐसी क्या स्थिति पैदा हो गई कि उन्हें बैठक तक करनी पड़ गई। यह पूरी तस्वीर साफ होनी चाहिए। मौजूदा शासनकाल में राज्य की स्थिति बदतर हो चुकी है। यह सरकार सबकुछ अपने हिसाब से चलाने की कोशिश कर रही है, जो बिल्कुल भी उचित नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि सरकार में बैठे लोग महाराष्ट्र की प्रतिभा को खत्म कर रहे हैं। महाराष्ट्र के सभी भ्रष्टाचारी लोग अब मंत्री बन चुके हैं। लेकिन, अफसोस की बात यह है कि इन भ्रष्टाचारी नेताओं के खिलाफ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें वहां भी कोई रोक रहा है। आखिर यह सब महाराष्ट्र में क्या हो रहा है। इन सबकी नैतिक जिम्मेदारी निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बनती है। लेकिन, अफसोस वो अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे कोई भी काम अमित शाह की अनुमति के बिना नहीं करते। एकनाश शिंदे की पार्टी की डोर अमित शाह के हाथों में ही है। अब महाराष्ट्र की जनता भी सबकुछ समझ रही है। पहले इन लोगों ने सोचा था कि यह लोग महाराष्ट्र की जनता को बेवकूफ बनाने में सफल रहेंगे। लेकिन, अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सूबे की जनता अब इन लोगों के झांसे में बिल्कुल भी नहीं आने वाली है। मैं एक बात दावे के साथ कहता हूं कि चुनाव आयोग का एक अधिकारी जरूर सच बोलने की हिम्मत जुटाएगा। आयोग का अधिकारी एक दिन जरूर इनकी पोल पट्टी खोलकर जाएगा। भाजपा सिर्फ हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है। यह लोग धर्म के आधार पर ही राजनीति कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

वहीं, उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट मामले को लेकर कहा कि जब कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी ही कर दिया है, तो ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इस मामले में आरोपी कौन है?


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