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मुझे मराठी से कोई नफरत नहीं, किसी के दबाव में नहीं सीखूंगा : अबू आजमी

महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के एक बार फिर अपने बयान के जरिए भाषा विवाद को हवा दी है

मुझे मराठी से कोई नफरत नहीं, किसी के दबाव में नहीं सीखूंगा : अबू आजमी
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मराठी सीखने पर अबू आजमी का बयान : दबाव में नहीं, पसंद से सीख रहा हूं

  • भाषा विवाद पर अबू आजमी का जवाब: मराठी का सम्मान, लेकिन मजबूरी नहीं
  • अबू आजमी बोले: मराठी से नफरत नहीं, लेकिन दबाव में नहीं सीखूंगा
  • भाषा विवाद पर सियासत गरम, अबू आजमी के बयान पर विपक्ष का हमला

मुंबई। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के एक बार फिर अपने बयान के जरिए भाषा विवाद को हवा दी है।

कल्याण रोड चौड़ीकरण विवाद पर स्थानीय पत्रकारों के मराठी में जवाब देने की मांग पर अबू आजमी ने साफ मना कर दिया और केवल हिंदी में प्रतिक्रिया दी। इस दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि मराठी की जरूरत क्या है और उत्तर प्रदेश के लोगों को यह भाषा कैसे समझ आएगी?

भिवंडी में अपने बयान पर सफाई देते हुए अबू आजमी ने कहा, "मराठी पूरे देश में नहीं बोली जाती। मेरा संदेश सभी तक पहुंचना चाहिए। मुझे मराठी से कोई नफरत नहीं है, लेकिन मैं किसी के दबाव में इसे नहीं सीखूंगा। मैं अपनी मर्जी से महाराष्ट्र में रहता हूं और मराठी भाषा का सम्मान करता हूं। साल 2009 में मेरे साथ इसी बात को लेकर अभद्रता की गई थी। मैं किसी के दबाव में नहीं बोलूंगा।"

उन्होंने आगे कहा कि मैं यह जरूर बताना चाहता हूं कि मैं बीते कुछ महीनों से मराठी भाषा सीखने का काम कर रहा हूं और उसमें काफी हद तक सफल भी रहा हूं। मैं मराठी भाषा इसलिए सीख रहा हूं, क्योंकि इस भाषा से लगाव है। यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है और इसे सियासी रंग देना ठीक नहीं।

अबू आजमी के बयान की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मराठी अस्मिता का अपमान बताया है। वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी आजमी के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी और मराठी भाषा को अनिवार्य करने की मांग दोहराई।

इसके साथ ही अबू आजमी ने उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में हुई हिंसा पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "बरेली हिंसा कोई गंभीर अपराध नहीं था। हां, लोगों ने इजाजत नहीं ली थी। कानपुर में ईद मिलादुन्नबी के दौरान लोगों ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। अगर इजाजत नहीं ली गई, तो कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन पुलिस ने बेरहमी से कार्रवाई की, जैसे वे कोई बड़े माफिया या आतंकवादी हों।"

अबू आजमी ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "यूपी में जंगलराज चल रहा है। प्रदेश को हिंदू-मुस्लिम की आग में झोंका जा रहा है।"


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