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हिंदू समाज न्यायप्रिय, अन्याय का प्रतिकार स्वीकार्य : नितेश राणे

महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने सोमवार को मुंबई में वराह जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया है

हिंदू समाज न्यायप्रिय, अन्याय का प्रतिकार स्वीकार्य : नितेश राणे
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वराह जयंती को राज्यभर में मान्यता देने की मांग, राणे ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

  • धार्मिक स्वतंत्रता पर जोर, नितेश राणे बोले—हमारे पर्व मनाने से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए
  • हिंदू संस्कृति के प्रचार-प्रसार की पहल, स्कूलों में वराह जयंती की जानकारी देने की मांग
  • संविधान हमें पर्व मनाने का अधिकार देता है: वराह जयंती पर राणे की चेतावनी
  • धार्मिक पर्वों पर हस्तक्षेप नहीं स्वीकार: नितेश राणे ने उठाई हिंदू अधिकारों की आवाज

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने सोमवार को मुंबई में वराह जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया है।

संबोधन में उन्होंने हिंदू समाज की एकजुटता और धार्मिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू समाज कभी किसी के साथ अन्याय नहीं करता, लेकिन अगर कोई उनके साथ गलत करता है, तो उसे सहन भी नहीं किया जाएगा।

राणे ने वराह जयंती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस पर्व को पूरे राज्य में सम्मान के साथ मनाया जाए।

उन्होंने कहा कि सभी जिलों में वराह जयंती को भव्य रूप से आयोजित किया जाए और स्कूलों-कॉलेजों में विद्यार्थियों को इस पर्व और हिंदू संस्कृति के महत्व के बारे में बताया जाए।

नितेश राणे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हिंदू समाज की इस मांग को जरूर पूरा करेंगे और जल्द ही शैक्षणिक संस्थानों में इस विषय पर कदम उठाए जाएंगे।

राणे ने कहा, “जब हमने वराह जयंती को मान्यता देने की बात उठाई, तो कुछ लोगों को यह ‘हरी मिर्च’ की तरह चुभने लगी। दूसरे धर्मों के लोग जब अपने त्योहार मनाते हैं, तब हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते। उसी तरह हमें भी हमारे धर्म के पर्व मनाने का अधिकार है और इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के कई जिलों में वराह जयंती को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह पर्व हिंदू समाज की एकता और शक्ति का प्रतीक है।

नितेश राणे ने संवैधानिक अधिकारों का हवाला देते हुए चेतावनी दी कि अगर कोई वराह जयंती के आयोजन में बाधा डालने की कोशिश करता है, तो उसे उचित जवाब दिया जाएगा। संविधान हमें धार्मिक स्वतंत्रता देता है। हम अपने पर्व मनाएंगे और इसे कोई नहीं रोक सकता।


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