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भारी बारिश से तबाही, अनिल देशमुख ने उठाई किसानों की कर्ज माफी की मांग

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया है

भारी बारिश से तबाही, अनिल देशमुख ने उठाई किसानों की कर्ज माफी की मांग
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'काली दीपावली' की चेतावनी: अनिल देशमुख ने सरकार को घेरा, किसानों के लिए राहत की मांग

  • कर्ज में डूबे किसान, अनिल देशमुख बोले- सरकार ने वादा तोड़ा, राहत पैकेज नाकाफी
  • अनिल देशमुख का हमला: प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे किसानों को सरकार ने किया नजरअंदाज
  • महाराष्ट्र में किसान संकट पर सियासत गरम, एनसीपी नेता ने उठाई पूर्ण कर्ज माफी की मांग

नागपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि इस साल भारी बारिश के कारण किसानों को नुकसान हुआ है, जिससे वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद, दीपावली से पहले किसानों को कोई राहत नहीं मिली है, जिसके चलते एनसीपी (एसपी) ने इसे 'काली दीपावली' करार दिया है।

अनिल देशमुख ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किसानों से वादा किया था कि सत्ता में आने पर कृषि ऋण पूरी तरह माफ कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस आश्वासन को कई मंचों से दोहराया था। हालांकि, सरकार ने इस वादे को पूरा नहीं किया।

अनिल देशमुख ने कहा कि किसानों को राहत देने के लिए 9 अक्टूबर को सरकार द्वारा घोषित पैकेज अपर्याप्त है। यह किसानों की समस्याओं का समाधान करने में नाकाम रहा है। इसके विरोध में हम लोगों ने मार्च निकाला और किसानों की पूर्ण कर्ज माफी की मांग की। सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं और तत्काल राहत पैकेज और कर्ज माफी की जानी चाहिए। अगर सरकार ने जल्द ही किसानों की मांगों को नहीं माना तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।

अनिल देशमुख ने कहा, "भारी बारिश ने फसलों को तबाह कर दिया, और किसानों के पास अब आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है। ऐसे में सरकार का रवैया निराशाजनक है। केंद्र और राज्य सरकारों के हालिया फैसलों ने न केवल किसानों, बल्कि आम लोगों को भी मुश्किलों में डाल दिया है। महाराष्ट्र के किसान पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबे हैं और प्राकृतिक आपदाओं ने उनकी स्थिति को बदतर कर दिया है। सरकार तत्काल प्रभाव से किसानों के लिए ठोस कदम उठाए, जिसमें कर्ज माफी के साथ-साथ फसल बीमा और आपदा राहत कोष से सहायता शामिल हो।"

वहीं, विपक्षी दलों ने भी सरकार के रवैये की आलोचना की है। उनका कहना है कि दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार से पहले किसानों को राहत न देना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।


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