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महाराष्ट्र के विरार में चार मंजिला इमारत ढहने से 14 की मौत, बचाव अभियान अभी भी जारी

महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक अनधिकृत चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में मां-बेटी समेत 14 लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह घटना बुधवार तड़के घटी।

महाराष्ट्र के विरार में चार मंजिला इमारत ढहने से 14 की मौत, बचाव अभियान अभी भी जारी
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महाराष्ट्र के विरार में इमारत ढहने से मृतकों की संख्या 14 हुई, बचाव कार्य जारी

मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक अनधिकृत चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में मां-बेटी समेत 14 लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह घटना बुधवार तड़के घटी।

मलबे से 6 लोगों के शव निकाले गए। वहीं, कई लोगों ने अस्पतालों में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

बुधवार रात लगभग 12.05 बजे रमाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा ढहने के बाद से बचाव कार्य 24 घंटे से ज्यादा समय से जारी है।

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक 17 लोगों के बारे में पता चला है - 14 मृत, एक घायल और दो को बचा लिया गया है। बचाव अभियान अभी भी जारी है।

वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) की शिकायत के बाद पुलिस ने बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 5वीं बटालियन की दो टीमें घटनास्थल पर अभियान चला रही हैं।

पालघर की जिला कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ ने कहा कि मलबे में अभी और लोगों के फंसे होने की संभावना है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम के अनुसार, जिस 'चॉल' पर यह इमारत गिरी, वह घटना के समय खाली थी।

एहतियात के तौर पर, आस-पास की सभी चॉलों को खाली करा दिया गया है और निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

कदम ने बताया कि 2012 में निर्मित रमाबाई अपार्टमेंट में कुल 50 फ्लैट थे, जिनमें से ढहा हुआ हिस्सा 12 अपार्टमेंट का था। वीवीएमसी के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इमारत अवैध थी।

मलबा हटाने में देरी हुई क्योंकि भारी मशीनें उस भीड़भाड़ वाले इलाके तक नहीं पहुंच पाईं जहां इमारत गिरी थी।

वीवीएमसी के सहायक आयुक्त गिलसन गोंसाल्वेस ने बुधवार देर रात कहा, "अभी तक, मलबा हटाने का काम जारी है। शुरुआती कई घंटों तक, मलबा नगर निगम की टीमों और एनडीआरएफ की दो इकाइयों ने हाथ से साफ किया। अब, यह काम मशीनों की मदद से युद्धस्तर पर चल रहा है।"

इस हादसे के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं। सभी प्रभावित परिवार वर्तमान में चंदनसर समाज मंदिर में शरण लिए हुए हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं मिल रही हैं।


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