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किसानों की ज्यादा से ज्यादा मदद होनी चाहिए : रामदास आठवले

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है

किसानों की ज्यादा से ज्यादा मदद होनी चाहिए : रामदास आठवले
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रामदास आठवले बोले : किसानों की मदद के लिए केंद्र से करूंगा बात, कर्ज माफी होनी चाहिए

  • किसानों की पीड़ा पर बोले केंद्रीय मंत्री: कॉर्पोरेट क्षेत्र आगे आए, तहसीलों को गोद लें
  • मराठवाड़ा के लिए अस्थायी नहीं, ठोस योजना जरूरी: रामदास आठवले
  • सोयाबीन की फसल गंवाने वाले किसान की व्यथा सुन भावुक हुए आठवले

बीड। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रभावित किसानों ने सरकार से कर्ज माफी की गुहार लगाई है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि मैं दिल्ली जाकर कृषि मंत्री से इस संबंध में बात करूंगा और पूरा प्रयास करूंगा कि अधिक से अधिक किसानों की मदद हो सके।

बीड में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस वर्ष महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है और लोगों के घर भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि वे बीड जिले के एक-दो गांवों का दौरा करने वाले हैं।

आठवले ने कहा कि मराठवाड़ा में पहले इतनी बारिश नहीं होती थी, लेकिन इस बार अत्यधिक बारिश ने कई फसलों को नष्ट कर दिया। एक किसान रोते हुए मुझसे मिला, जिसने सोयाबीन की फसल के लिए बैंक से एक लाख रुपये का कर्ज लिया था। वह अब असमंजस में है कि आगे क्या करेगा।

उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि महाराष्ट्र में हुए नुकसान को देखते हुए किसानों को अधिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों के लिए सहायता राशि की घोषणा की है, लेकिन किसानों को और अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है। आठवले ने सुझाव दिया कि बड़ी कंपनियों, जिनका सीएसआर फंड करोड़ों में है, उनको कुछ तहसीलों और जिलों को गोद लेना चाहिए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्विकास हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए। उनकी मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए।

रामदास आठवले ने आश्वासन दिया कि वह केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और किसानों के हित में हर संभव प्रयास करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा कि मराठवाड़ा के लिए सिर्फ अस्थायी मदद ही काफ़ी नहीं है। इस क्षेत्र के लिए एक दीर्घकालिक, ठोस योजना बनाई जानी चाहिए। यह योजना न सिर्फ़ किसानों, बल्कि इन सभी वंचित समूहों को फिर से खड़ा होने में मदद करे, क्योंकि मराठवाड़ा की यह संघर्षशील परंपरा और यहां के लोगों का धैर्य हमेशा से महाराष्ट्र के लिए प्रेरणादायी रहा है।

उन्होंने लिखा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से संपर्क करूंगा और राज्य सरकार को, खासकर दलितों, शोषितों और वंचित समुदायों के मुद्दों पर सुझाव दूंगा। मैं कॉर्पोरेट और व्यावसायिक क्षेत्र से भी अपील करता हूं कि वे आगे आकर मराठवाड़ा के हमारे अन्नदाताओं की मदद करें।


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