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विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए : वारिस पठान

इंडिया गठबंधन के सांसदों ने नई दिल्ली में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' के खिलाफ सदन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला

विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए : वारिस पठान
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इंडिया गठबंधन के मार्च पर प्रतिक्रिया देते हुए पठान ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और 'वोट चोरी' के आरोपों पर चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण की मांग की

मुंबई। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को नई दिल्ली में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' के खिलाफ सदन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। इस मार्च को लेकर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा कि जब सब कुछ सामने आ रहा है, तो चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह स्पष्टीकरण दे। यह किसी राजनीतिक दल का सवाल नहीं है। यह लोगों का सवाल है, राष्ट्र का सवाल है।

स्वतंत्रता दिवस पर मीट दुकान बंदी का विरोध

स्वतंत्रता दिवस के दिन मुंबई से सटे कल्याण-डोम्बिवली में मीट की दुकान बंद रखे जाने के आदेश पर वारिस पठान ने कहा कि इस दिन हम सभी भारतीय खुशी के साथ आजादी के पर्व को मनाते हैं। मेरा मानना है कि अभी तक महाराष्ट्र में इस तरह का फरमान कभी भी जारी नहीं किया गया। सरकार इस आदेश के जरिए क्या बताना चाहती है, इसका जवाब देना चाहिए।

भाजपा पर नफरत की राजनीति का आरोप

पठान ने कहा कि मेरा सवाल यह है कि यह सरकार गरीबों को क्यों खत्म करना चाहती है। एक तरफ भाजपा सबके विकास की बात करती है तो दूसरी तरफ इस तरह के फरमान उनकी असली सोच को उजागर करते हैं। भाजपा केवल नफरत की राजनीति करती है और इस तरह का आदेश इसका जीता-जागता प्रमाण है।

राहुल गांधी को नोटिस और चुनाव आयोग की भूमिका

महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब राहुल गांधी को देना है। मैं इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। राहुल गांधी जो सवाल उठा रहे हैं, उसका जवाब देना चुनाव आयोग का काम है। देश का हर नागरिक जानना चाहता है कि वोटों की चोरी क्यों हो रही है? तमाम चीजों का खुलासा देश की जनता जानना चाहती है।

शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यवसायीकरण पर भागवत की चिंता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वास्थ्य और शिक्षा के व्यवसायीकरण पर चिंता जताई है। इस मुद्दे पर वारिस पठान ने कहा कि मोहन भागवत जो कह रहे हैं, सरकार को उसे गंभीरता से लेना चाहिए। उनके बोलने का मतलब ही क्या है। वे बोलते कुछ और हैं और सरकार करती कुछ और है। अगर इस तरह की बात है तो कार्रवाई होनी चाहिए। मेरी उनसे अपील है कि वे केवल बयान न दें, जिन बातों को वे कह रहे हैं, उसे लागू करवाकर दिखाएं। मुसलमानों के खिलाफ इन 11 सालों में क्या हुआ, उसे पूरा देश जानता है।


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