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कांग्रेस नेता सपकाल का तंज – फडणवीस को कहा ‘गजनी’

बीएमसी चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच, कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर विवादित बयान देते हुए उन्हें 'गजनी' बता दिया

कांग्रेस नेता सपकाल का तंज – फडणवीस को कहा ‘गजनी’
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‘तानाशाह और क्रूर’ कहकर फडणवीस पर सपकाल का हमला

  • अजित पवार संग गठबंधन पर कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
  • बीएमसी चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज
  • कांग्रेस अकेले उतरेगी मैदान में, शिवसेना (यूबीटी) को मनसे का साथ

मुंबई। बीएमसी चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच, कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर विवादित बयान देते हुए उन्हें 'गजनी' बता दिया।

कांग्रेस नेता हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि वे पुरानी बातें भूल जाते हैं। मुंबई में आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 'गजनी' कहा था और अपने बयान पर आज भी कायम हूं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने उन्हें तानाशाह, जल्लाद और क्रूर भी कहा है। 'क्रूर' शब्द का मतलब बेरहम होता है। देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने का काम किया है। पूरा गृह विभाग, जो उनके नियंत्रण में है, बेकार हो गया है और इसके नतीजे में राज्य में बहुत अधिक हिंसा हो रही है। इसकी सीधी जिम्मेदारी उनकी ही है।

अजित पवार का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि एक वक्त ऐसा भी था जब फडणवीस कहते थे कि वे कभी भी उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं; वर्तमान में वे उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि वे तो उन्हें जेल भेजकर चक्की पिसवाने वाले थे, आज उन्ही के साथ हैं। इसी तरह फडणवीस ने पूर्व में कई बयान दिए, जिस पर वे टिक नहीं पाए, भूल गए। इसीलिए मैंने उन्हें गजनी करार दिया है।

बताते चलें कि हाल ही में महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में महायुति को बड़ी जीत हासिल हुई। अब महायुति का अगला टारगेट बीएमसी चुनाव है, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने भी तैयारी तेज कर दी है।

कांग्रेस बीएमसी चुनाव को लेकर ऐलान कर चुकी है कि वे मैदान में अकेले जाएंगे। हालांकि, कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन की बात चल रही है। लेकिन, कांग्रेस शिवसेना (यूबीटी) के साथ चुनावी मैदान में नहीं जाएगी। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि उनके कार्यकर्ता चाहते हैं कि कांग्रेस अपने दम पर बीएमसी चुनाव में जाए।

शिवसेना (यूबीटी) भी कांग्रेस से अलग होकर चुनावी मैदान में जाने का मन बना चुकी है। शिवसेना (यूबीटी) को मनसे का साथ मिला है। वर्षों बाद ठाकरे भाई साथ आए हैं।


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