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महाराष्ट्र में धोखे से बनाई गई सरकार, वोट चोरी पर कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा का बड़ा दावा

कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने गुरुवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में धोखे से सरकार बनाई गई है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ एक छलावा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है

महाराष्ट्र में धोखे से बनाई गई सरकार, वोट चोरी पर कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा का बड़ा दावा
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महाराष्ट्र में वोट चोरी के जरिए बनाई गई सरकार: कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा

रांची। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने गुरुवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में धोखे से सरकार बनाई गई है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ एक छलावा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में वोट चोरी हुई है। वोट चोरी के माध्यम से ही भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाने में सफल हुई है। भाजपा ने महाराष्ट्र के लोगों के साथ धोखा किया है। महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा और उसके गठबंधन को नकार दिया था, लेकिन चुनाव आयोग की मदद से ये लोग अपनी सरकार बनाने में सफल हुए। मैं समझता हूं कि इस तरह की स्थिति को एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर कोई राजनीतिक दल वोट चोरी करके सत्ता में आएगी, तो इससे लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। आप ऐसा करके किसी व्यक्ति को वोट के अधिकार से वंचित कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है। हमने अब इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा फिर से खटखटाया है। हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह इस तरह की स्थिति को तुरंत ठीक करें। अगर इसे ठीक नहीं किया गया, तो निश्चित तौर पर इसे लेकर आगामी दिनों में बड़ा जनांदोलन होगा।

इसके अलावा, उन्होंने दुर्गापूजा दुष्कर्म प्रकरण को निंदनीय बताते हुए बिहार की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार के राज्यपाल को भी उस वक्त राष्ट्रपति को पत्र सौंपना चाहिए था, जब एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था। आखिर उस वक्त बिहार के राज्यपाल कहां थे? दुर्भाग्य की बात है कि उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाएं आम हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, हरियाणा में हाल ही में दो-दो आईपीएस अधिकारियों ने आत्महत्या कर ली। ऐसी स्थिति में इन मामलों में भी राज्यपाल को राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपनी चाहिए। मैं समझता हूं कि यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्यपाल केवल उसी राज्य में सक्रिय होते हैं, जहां पर विपक्षी दलों की सरकार है। क्या इस तरह की स्थिति को मौजूदा समय में स्वीकार किया जा सकता है? आखिर विपक्षी शासित राज्यों के राज्यपाल ही क्यों एक्टिव होते हैं? हमारी मांग है कि उन राज्यों के राज्यपाल भी सक्रिय हो, जहां पर बीजेपी की सरकार है।

उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में भी दुष्कर्म के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। आईपीएस जैसे शीर्ष पदों पर तैनात अधिकारी आत्महत्या कर रहे हैं। इन मामलों की रिपोर्ट भी राज्यपाल को सौंपी जानी चाहिए, ताकि पूरी वस्तुस्थिति देश की जनता के सामने आ सके।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं लगातार यह बात कह रहा हूं कि एक सभ्य समाज में इस तरह की घटना को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मैं बार-बार ऐसे मामलों की निंदा करता हूं और मांग करता हूं कि इनमें संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान की भी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'रात के समय लड़कियों को नहीं निकलना चाहिए।' कांग्रेस नेता ने कहा कि निश्चित तौर पर एक महिला मुख्यमंत्री की तरफ से दिया गया ऐसा बयान निंदनीय है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।


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