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महमूद मदनी को कांग्रेस नेता हुसैन दलवई की नसीहत, विवादित बयान देने से बचें

महाराष्ट्र से कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने मौलाना महमूद मदनी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए

महमूद मदनी को कांग्रेस नेता हुसैन दलवई की नसीहत, विवादित बयान देने से बचें
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मुंबई। महाराष्ट्र से कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने सोमवार को मौलाना महमूद मदनी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। इस तरह का बयान देने से हिंदू-मुस्लिम दोनों के बीच रिश्ते में खटास पैदा होगी। जिससे दोनों ही पक्षों का नुकसान होगा।

कांग्रेस नेता दलवई ने कहा कि देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए हमें यह प्रयास करना होगा कि हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच में प्रेम और सौहार्दपूर्ण रिश्ते स्थापित हों। अगर दोनों समुदायों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते रहेंगे, इससे परोक्ष रूप से भाजपा को फायदा होगा।

उन्होंने मौलाना महमूद मदनी को सलाह देते हुए कहा कि वो इस तरह के बयान ना दें, बल्कि इसके विपरीत इस बात पर जोर दें कि दोनों समुदायों के बीच में सौहार्दपूर्ण रिश्ते स्थापित हों। मदनी को यह समझना होगा कि इस देश का हिंदू समुदाय मुस्लिमों के विरोध में नहीं है। यह आरएसएस की राजनीति है, जिसके तहत दोनों समुदायों के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश की जाती है। लेकिन, अब इस तरह की राजनीति को देश की जनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने वाली नहीं है।

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने दावा किया कि केंद्र सरकार के पास देश को चलाने के लिए मौजूदा समय में कोई नीति नहीं है। यह सरकार हिंदुत्व की नीति के आधार पर देश को चलाने की कोशिश कर रही है, जो संविधान के खिलाफ है। केंद्र सरकार लगातार जनता के हितों पर कुठाराघात कर रही है। यह सरकार बिना किसी योजना के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर आई है। ऐसे करके वोटों की चोरी की जा रही है। लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में विपक्ष की तरफ से बेरोजगारी और महंगाई जैसे जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए इस तरह का संबोधन दिया है, जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से विपक्ष को निशाना बनाने की कोशिश की है। उन्होंने विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की है। केंद्र सरकार यह दावा कर रही है कि जीडीपी की दर में उछाल आया है। यह सब बेकार की बातें हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने संसद के छोटे सत्र को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि पहले संसद का सत्र एक-दो महीने लगातार चलता था, लेकिन अब इसके कालखंड को छोटा किया जा रहा है ताकि विपक्ष अपनी बात नहीं रख सके। सत्तारूढ़ दल चाहता है कि विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों को देश के सामने नहीं रख सके। ऐसा करके ये लोग देश की जनता में सोचने-समझने की क्षमता को ही खत्म करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सत्ता का दुरुपयोग करते हुए हर चुनाव में जीत हासिल करना चाहती है। इसी तरह से अब तक भाजपा हर चुनाव में जीत हासिल करती आई है। यह एसआईआर लेकर आई है।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य के एससी/एसटी एक्ट और आरक्षण व्यवस्था खत्म करने वाले बयान पर हुसैन दलवई ने कहा कि उनका बयान पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रेरित है। वे एससी/एसटी को मानते ही नहीं हैं। मनुस्मृति के बाद ही जाति व्यवस्था इस देश में आई, जिसके तहत दलित समुदाय का शोषण हुआ।


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