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टैरिफ मुद्दे पर वाणिज्य मंत्रालय को सार्वजनिक तौर पर देना चाहिए स्पष्टीकरण : आदित्य ठाकरे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी कि वे भारत पर टैरिफ में "काफी" वृद्धि करेंगे

टैरिफ मुद्दे पर वाणिज्य मंत्रालय को सार्वजनिक तौर पर देना चाहिए स्पष्टीकरण : आदित्य ठाकरे
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मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को धमकी दी कि वे भारत पर टैरिफ में "काफी" वृद्धि करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत "बड़े मुनाफे" के लिए खुले बाजार में रूसी तेल बेच रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप की इस धमकी पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि भारत सरकार के किसी केंद्रीय मंत्री ने अब तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। भारत की स्थिति आज ‘हेल्पलेस’ दिख रही है। हमें अमेरिका की ओर से टैरिफ बढ़ाए जाने पर जवाब देना चाहिए। वाणिज्य मंत्रालय को इस पर सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि यह मुद्दा व्यापार से जुड़ा है और इसका असर आम लोगों पर भी पड़ रहा है। ट्रंप और मोदी, जिनकी दोस्ती कभी चर्चा में थी, अब उसका नामोनिशान भी नहीं दिखता।

राम मंदिर भूमि पूजन की पांचवीं सालगिरह पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के समय शंकराचार्य जैसे प्रमुख संतों को आमंत्रित नहीं किया गया। जब उद्घाटन हुआ, मंदिर पूरी तरह तैयार भी नहीं था। यह सिर्फ चुनाव जीतने का कार्यक्रम बन गया था। लेकिन हम लोगों का मानना है कि पहले मंदिर, फिर सरकार।

निशिकांत दुबे की ओर से मराठी भाषा पर की गई टिप्पणी पर उन्होंने कहा, "ऐसे लोगों को तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। भाजपा की मराठी विरोधी मानसिकता अब जनता के सामने आ चुकी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को खुद सामने आकर स्पष्ट करना चाहिए कि यह निशिकांत दुबे का निजी बयान है या पार्टी का आधिकारिक बयान है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।"

एकनाथ शिंदे के दिल्ली दौरे पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिंदे दिल्ली अपने गैंग के लोगों को बचाने जा रहे हैं। उन पर और उनके करीबियों को कई नोटिस मिल चुकी है। दिल्ली जाकर शिंदे ऐसे ही कारोबार को संरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल गांधी पर तल्ख टिप्पणी किए जाने पर कहा, "मैं मानता हूं कि कोर्ट की फटकार पर राय अलग हो सकती है, लेकिन सच्चाई यह है कि स्थानीय लोगों ने खुद कहा है कि चीन की घुसपैठ हो रही है। केंद्र सरकार इस पर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करती। इसका मतलब ये नहीं कि हम हिंदुस्तानी भी डर जाएं। हम चीन के खिलाफ आवाज उठाने का साहस रखते हैं। केंद्र सरकार को भी अब हिम्मत दिखानी चाहिए।"


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