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पशुओं के प्रति क्रूरता का मुकाबला करना बेहद जरूरी : पूनम महाजन

मुंबई में जानवरों के खिलाफ अपराधों से लड़ने के लिए 'पेटा इंडिया' ने कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्‍य अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद पूनम महाजन ने भी शिरकत की

पशुओं के प्रति क्रूरता का मुकाबला करना बेहद जरूरी : पूनम महाजन
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पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज़ : पूनम महाजन ने पेटा इंडिया कार्यशाला में की भागीदारी

  • पेटा इंडिया की पहल: पशु क्रूरता रोकने को लेकर मुंबई में जागरूकता अभियान
  • पशु क्रूरता से जुड़े अपराधियों पर चेतावनी, पूनम महाजन ने की सशक्त समाज की वकालत

मुंबई। मुंबई में जानवरों के खिलाफ अपराधों से लड़ने के लिए 'पेटा इंडिया' ने कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्‍य अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद पूनम महाजन ने भी शिरकत की। उन्होंने कहा कि सभी के लिए एक सुरक्षित समाज सुनिश्चित करने के लिए पशुओं के प्रति क्रूरता का मुकाबला करना बेहद जरूरी है।

मुंबई में जानवरों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर और जानवरों व इंसानों की सुरक्षा में मदद के लिए पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स इंडिया (पेटा इंडिया) ने रविवार को मुंबई में अपनी पहली शैक्षिक और क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में मुंबईभर से आए बचावकर्मियों और अन्य पशु संरक्षण कार्यकर्ताओं सहित आम जनता शामिल थी।

पूनम महाजन देश के कई पशु कल्याण संगठनों की लंबे समय से मार्गदर्शक रही हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद ने कहा कि जानवरों को नुकसान पहुंचाने वाले लोग अक्सर जानवरों तक ही सीमित नहीं रहते। मुझे खुशी है कि मैं पेटा इंडिया की उस कार्यशाला का हिस्सा बनी, जिसका उद्देश्य नागरिकों को पशुओं के विरुद्ध अपराधों की सामाजिक बुराई को रोकने के लिए सशक्त बनाना है।

पेटा इंडिया की कानूनी सलाहकार और क्रूरता प्रतिक्रिया निदेशक मीत अशर द्वारा संचालित एक दिवसीय सत्र में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और सीखा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) और प्रारंभिक अपराध रिपोर्ट (पीओआर) कैसे दर्ज की जाती है और जानवरों के खिलाफ अपराध का दस्तावेजीकरण कैसे किया जाता है। उन्होंने पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम 1960, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 (2022 में संशोधित), भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 और अन्य प्रासंगिक कानूनों के बारे में भी सीखा।

पेटा इंडिया की मीत अशर ने कहा, "पशुओं और समाज की ओर से, हम कार्यशाला के प्रतिभागियों को पशुओं के प्रति क्रूरता को समाप्त करने और एक दयालु समाज बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देते हैं और इस आंदोलन में मार्गदर्शक प्रकाश बनने के लिए पूनम महाजन को भी धन्यवाद देते हैं।"

पेटा इंडिया का कहना है कि कई हिंसक अपराधियों का जानवरों के साथ क्रूरता का एक इतिहास रहा है। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है, "जो लोग जानवरों के साथ क्रूरता करते हैं, उनके द्वारा हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग जैसे अन्य अपराध करने की संभावना तीन गुना ज्‍यादा होती है।"


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