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महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में विकास और कल्याण के लिए बड़े फैसले

महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इन फैसलों का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, न्याय व्यवस्था, सहकारिता, और सामाजिक कल्याण कार्यों को बढ़ावा देना है

महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में विकास और कल्याण के लिए बड़े फैसले
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महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण से जुड़े अहम फैसले लिए गए

  • बुनियादी ढांचे, न्याय और सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार सक्रिय
  • नदी परियोजनाओं से लेकर एक्सप्रेसवे तक - मंत्रिमंडल ने दी कई योजनाओं को मंजूरी
  • श्रम संहिता लागू, न्यायालय स्थापना और चीनी मिलों को राहत - महाराष्ट्र सरकार के अहम निर्णय
  • महाराष्ट्र में सामाजिक और आर्थिक सुधारों की नई पहल
  • नागपुर-गोंदिया एक्सप्रेसवे और सिंचाई परियोजनाओं को मिली हरी झंडी
  • घुमंतू जनजातियों और छूट प्राप्त जातियों के लिए पहचान योजनाओं को बढ़ावा

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इन फैसलों का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, न्याय व्यवस्था, सहकारिता, और सामाजिक कल्याण कार्यों को बढ़ावा देना है।

बीड जिले में सिंदफना नदी पर कोल्हापुर प्रणाली के तीन बांधों नीमगांव, ब्रह्मनाथ येलम्ब (शिरूर) और टकलगांव (हिंगानी, गेवराई) को बैराज में बदलने और विस्तार करने की योजना को मंजूरी दी गई। इससे क्षेत्र में सिंचाई और जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य के श्रम कानूनों में संशोधन कर महाराष्ट्र श्रम संहिता नियमों को लागू करने का निर्णय लिया गया। यह कदम श्रमिकों के हितों को और मजबूत करेगा।

पुणे जिले के राजगढ़ सहकारी चीनी कारखाना लिमिटेड, अनंतनगर निगड़े (भोर) को कार्यशील पूंजी के लिए एनसीडीसी से मार्जिन मनी ऋण और अहिल्यानगर के बबनराव ढकने केदारेश्वर सहकारी चीनी कारखाना लिमिटेड, सुमननगर (शेवगांव) को सरकारी गारंटी पर सावधि ऋण देने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, पुणे के थेउर (हवेली) में यशवंत सहकारी शक्कर कारखाना लिमिटेड की जमीन बिक्री को भी हरी झंडी दिखाई गई।

नागपुर-गोंदिया एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना का संचालन निगम के माध्यम से होगा और इसके डिजाइन व भूमि अधिग्रहण को भी स्वीकृति मिली। यह परियोजना क्षेत्र में यातायात और आर्थिक विकास को गति देगी।

बीड जिले के आष्टी में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश स्तर का न्यायालय स्थापित करने का फैसला लिया गया। इसके लिए न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के नए पद सृजित किए जाएंगे, साथ ही व्यय को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, महाराष्ट्र लोक न्यास प्रणाली अधिनियम, 1950 में संशोधन को भी स्वीकृति मिली।

छूट प्राप्त जातियों और घुमंतू जनजातियों के लिए पहचान पत्र, प्रमाण पत्र और विभिन्न योजनाओं के लाभ को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया गया। नागपुर और अमरावती संभागों में नजूल भूमि को आवासीय उपयोग के लिए विशेष योजना के तहत एक वर्ष के लिए नीलामी या अन्य तरीकों से पट्टे पर देने का विस्तार किया गया।


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