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पहलगाम हमले के बाद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की जगह राजनीति को प्राथमिकता दी : उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सुरक्षा की विफलता पर सवाल उठाए और सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा की बजाय राजनीति और कूटनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया

पहलगाम हमले के बाद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा की जगह राजनीति को प्राथमिकता दी : उद्धव ठाकरे
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मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सुरक्षा की विफलता पर सवाल उठाए और सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा की बजाय राजनीति और कूटनीति को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।

'सामना' को दिए एक साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा, "पहलगाम हमला चौंकाने और आक्रोशित करने वाला था। हमें बताया गया था कि कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है। फिर यह हमला कैसे हुआ?"

धारा 370 को निरस्त करने का समर्थन करने वाले ठाकरे ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि बड़े-बड़े दावों के बावजूद कश्मीर में जमीनी हालात अभी भी अस्थिर हैं। उन्होंने कहा, "पर्यटन फिर से शुरू हो गया है, लेकिन सुरक्षा की अनदेखी की गई है। आप किसी पूर्व अशांत क्षेत्र के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते जैसे सब कुछ 'ठीक' हो और अपनी सुरक्षा कम कर दें।"

हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, "छब्बीस महिलाओं ने अपना सिंदूर खो दिया। हमारी माताओं और बहनों की इज्जत को तार-तार करने के लिए कौन जिम्मेदार है?"

उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में इतनी अंदर तक कैसे घुसपैठ करने में कामयाब रहे। उन्होंने "हमले के तीन महीने बाद भी, आतंकवादियों का पता नहीं चल पाया है। पहले उनकी तस्वीरें जारी की गईं, फिर उन्हें खारिज कर दिया गया। वे आए, हमला किया और गायब हो गए। वे कहां गए?"

ठाकरे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार किए गए दावे को लेकर भी सरकार को घेरा। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने संभावित भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था। इस पर ठाकरे ने पूछा, "ट्रंप 27 बार कह चुके हैं कि उन्होंने युद्ध रोका। हमारे '56 इंच के सीने' वाले प्रधानमंत्री इस पर चुप क्यों हैं?"

हमले के बाद शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' अभियान पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि सेना के पराक्रम का राजनीतिकरण किया गया। हमारी सेना सीमा पार कर गई, लेकिन उन्हें वापस क्यों बुलाया गया? सरकार को पीछे हटने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा? यह अभी भी एक रहस्य है।"

उन्होंने भाजपा की आंतरिक आयु नीति पर भी कटाक्ष किया और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को 75 साल की उम्र में पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था। क्या पीएम मोदी अपने ही बनाए नियमों का पालन करेंगे?"

ठाकरे ने भाजपा पर शिवसेना को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता में बैठे लोग अब संविधान का सम्मान करने को भी तैयार नहीं हैं।


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