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आदित्य ठाकरे का भाजपा पर हमला : वाजपेयी की पार्टी होती तो पाकिस्तान से मैच नहीं होता

एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को हाईवोल्टेज मैच खेला जाना है। मैच के आयोजन को लेकर विपक्ष लगातार आलोचना कर रहा है

आदित्य ठाकरे का भाजपा पर हमला : वाजपेयी की पार्टी होती तो पाकिस्तान से मैच नहीं होता
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'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में बीसीसीआई के फैसले पर सवाल

  • एकनाथ शिंदे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, मुंबई की हालत पर चिंता
  • 'वोट चोरी' को आम जनता से जुड़ा मुद्दा बताया
  • भारत-पाक मैच को लेकर विपक्ष का विरोध तेज

मुंबई। एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को हाईवोल्टेज मैच खेला जाना है। मैच के आयोजन को लेकर विपक्ष लगातार आलोचना कर रहा है। इसी क्रम में शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा है।

आदित्य ठाकरे ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर असली भाजपा आज सत्ता में होती तो पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेलती। अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा होती, या लालकृष्ण आडवाणी, गोपीनाथ मुंडे, प्रमोद महाजन, सुषमा स्वराज, या अरुण जेटली की भाजपा होती तो पाकिस्तान के साथ मैच खेलने का निर्णय नहीं लेती।

उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर कहा कि वह बिहार चुनाव में इसका जिक्र करेंगे। क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम लेते हुए भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलेगा? हम इस मैच का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमारे देश के हिंदू भाइयों को मारा था। एक तरफ हम दुनिया भर में 'ऑपरेशन सिंदूर' की गाथा के लिए डेलिगेशन भेजते हैं तो दूसरी तरफ हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का निर्णय लेते हैं।

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि पिछले दो सालों में एकनाथ शिंदे ने जिस प्रकार से मुंबई को लूटा है, वह आपकी आंखों के सामने है। मैंने शिंदे के घोटालों को उजागर किया था। पहले साल उन्होंने 6000 करोड़ का घोटाला किया था और दूसरे साल 6800 करोड़ रुपए का। मैं जो कह रहा था, वे सभी बातें आज सच साबित हो रही हैं। पूरे मुंबई में गड्ढों का राज है। महाराष्ट्र के नेशनल हाईवे हों या स्टेट हाईवे, सभी की स्थिति खराब है।

उन्होंने 'वोट चोरी' पर कहा कि यह मुद्दा सिर्फ विपक्ष तक सीमित नहीं है। इसका सीधा जुड़ाव आम आदमी से है। अगर आपका वोट चोरी हो जाएगा तो आपके मताधिकार का कोई मतलब नहीं रहेगा। आप सत्ता में हों या विपक्ष में, 'वोट चोरी' का मुद्दा सभी के लिए नुकसानदेह है।


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