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मुंबई में अवैध रूप से रह रही 9 विदेशी महिलाएं हिरासत में, डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू

मुंबई की पवई पुलिस ने अवैध रूप से रह रही 9 विदेशी महिलाओं को हिरासत में लिया है। ये सभी महिलाएं युगांडा और केन्या की नागरिक हैं, जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी

मुंबई में अवैध रूप से रह रही 9 विदेशी महिलाएं हिरासत में, डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू
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पवई में पुलिस छापेमारी, युगांडा और केन्या की 9 महिलाएं पकड़ी गईं

  • अवैध प्रवास पर सख्ती, पवई होटल में ठहरी विदेशी महिलाएं हिरासत में
  • दिल्ली और मुंबई में अवैध विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई, डिपोर्टेशन तेज

मुंबई। मुंबई की पवई पुलिस ने अवैध रूप से रह रही 9 विदेशी महिलाओं को हिरासत में लिया है। ये सभी महिलाएं युगांडा और केन्या की नागरिक हैं, जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी। पुलिस ने इन्हें पवई इलाके में की गई एक विशेष छापेमारी के दौरान पकड़ा।

पुलिस के मुताबिक, पवई क्षेत्र में लंबे समय से नाइजीरियाई और अन्य विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही थी। गुप्त सूचना के आधार पर 1 अक्टूबर को होटल ड्रीम इन प्राइम (एकेडमी स्कूल, मरोल के पास) पर छापेमारी की गई, जहां ये महिलाएं ठहरी हुई थीं। जांच में सामने आया कि सभी के वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी, इसके बावजूद वे मुंबई में रह रही थीं।

गिरफ्तार की गई महिलाओं की पहचान नामुंगे ग्लोरिया (22), नाबीसुबी एस्थर (20), कुरिया सुसान वाम्बुयी (33), एनजेरी बेथ (28), बेरे सेलेस्टाइन (28), मिवाडे मिरे सोविन्या (24), न्गुकु जॉयस वानजिरु (33), नुगेरा सारा चाजिको (28) और मेसडिंच नेली चेपकोरोरिया (27) के रूप में हुई।

इन महिलाओं को महिला पुलिस इकाई ने हिरासत में लिया और अब उनके खिलाफ डिपोर्टेशन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये महिलाएं अपनी पहचान छिपाकर शहर में रह रही थीं।

इसके अलावा, पवई पुलिस ने उस होटल प्रबंधक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिसने बिना वैध दस्तावेज़ों की जांच किए इन विदेशी नागरिकों को ठहराया था। मुंबई पुलिस ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

इससे पहले, दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिला की ऑपरेशन सेल की टीम ने 29 सितंबर को दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी पिछले दो वर्षों से बिना वैध वीजा और दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एफआरआरओ (फरेनर्स रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस) दिल्ली की मदद से दोनों के खिलाफ डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू की गई।


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