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महाराष्ट्र के विधायक संजय उपाध्याय ने गांधी परिवार पर बोला हमला, ममता बनर्जी को बताया हिंदू विरोधी

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संजय उपाध्याय ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि यह परिवार देश को अपनी जागीर समझता है

महाराष्ट्र के विधायक संजय उपाध्याय ने गांधी परिवार पर बोला हमला, ममता बनर्जी को बताया हिंदू विरोधी
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मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक संजय उपाध्याय ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि यह परिवार देश को अपनी जागीर समझता है।

संजय उपाध्याय ने कहा, "आजादी के बाद गांधी परिवार ने देश को जिस तरह लूटा, वह अब जनता के सामने आ रहा है। रॉबर्ट वाड्रा का भ्रष्टाचार तो एक लंबी कहानी है। कानून के हिसाब से प्रक्रिया चल रही है और जो देश को लूटने का दोषी है, उसे जेल जाना ही चाहिए।"

पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर उन्होंने ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी हमेशा हिंदू विरोधी रही हैं। अगर मुस्लिम जनसंख्या बढ़ती है, तो यह हिंदू समाज के लिए घातक हो सकता है। जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं, वहां मुस्लिम सुरक्षित रहते हैं, लेकिन इसके विपरीत (मुस्लिम बहुल इलाकों से) हिंदुओं को पलायन करना पड़ता है और उनकी बहन-बेटियों पर अत्याचार होता है।”

पाकिस्तान के सेना प्रमुख के दो राष्ट्र सिद्धांत वाले बयान पर भाजपा नेता ने कहा, “देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ, लेकिन कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजना जरूरी था, जो नहीं हुआ। आज भी कुछ लोग यहां रहकर पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।”

उन्होंने पाकिस्तान को विश्व का सबसे पिछड़ा देश बताते हुए भारत की प्रगति की सराहना की और सवाल किया कि अगर बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ, तो भारत हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं बना?

वक्फ कानून के मुद्दे पर संजय उपाध्याय ने संसद में पारित कानून का सम्मान करने की बात कही। उन्होंने सवाल उठाया, “वक्फ की अरबों की संपत्ति होने के बावजूद मुस्लिम समुदाय गरीब क्यों है? मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर का दरवाजा खटखटाने की नौबत क्यों आती है?”

उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान जरूरी है, लेकिन वक्फ की संपत्ति का उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए होना चाहिए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले का उपाध्याय ने स्वागत किया। उन्होंने कहा, “स्थानीय भाषाओं के साथ हिंदी का महत्व स्थापित करना स्वागत योग्य है। यह निर्णय देश की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करेगा।”


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