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महाराष्ट्र : उद्योग मंत्री उदय सामंत ने रामदास कदम-रविंद्र चव्हाण विवाद पर जताई चिंता

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच महायुति के भीतर विवाद गहराता जा रहा है

महाराष्ट्र : उद्योग मंत्री उदय सामंत ने रामदास कदम-रविंद्र चव्हाण विवाद पर जताई चिंता
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रत्नागिरी (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच महायुति के भीतर विवाद गहराता जा रहा है। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम और भाजपा के मंत्री रविंद्र चव्हाण के बीच चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। सामंत ने इस विवाद को महायुति के लिए नुकसानदायक बताते हुए दोनों नेताओं से समझदारी दिखाने की अपील की है।

शिवसेना नेता सामंत ने मंगलवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "रामदास कदम और रविंद्र चव्हाण के बीच का विवाद महायुति के लिए नुकसानदायक है। यह जरूरी है कि दोनों नेता अपनी गलतफहमियों को सुलझाएं और ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे महाविकास आघाड़ी को फायदा हो। मैं देवेंद्र फडणवीस से उम्मीद करता हूं कि वे रामदास कदम की गलतफहमी को दूर करेंगे।"

इसके साथ ही, सामंत ने बदलापुर प्रकरण में सख्त कार्रवाई की बात की। उन्होंने कहा, "बदलापुर मामले में दोषी को कभी माफ नहीं किया जाएगा। हम सख्त कार्रवाई करेंगे और किसी को भी संरक्षण नहीं दिया जाएगा।"

उल्लेखनीय है कि महायुति के दोनों दलों के बीच विवाद की शुरुआत तब हुई जब रामदास कदम ने मुंबई-गोवा हाईवे के निर्माण में देरी को लेकर भाजपा के मंत्री रविंद्र चव्हाण की आलोचना की और उनका इस्तीफा मांगा। कदम ने चव्हाण को काम में असफल बताते हुए कहा, "कितने साल से मुंबई-गोवा हाईवे का काम नहीं हो रहा है। राज्य के लोगों को तकलीफ हो रही है और मंत्री रविंद्र चव्हाण निश्चिंत हैं।"

चव्हाण ने जवाब देते हुए कहा, "रामदास कदम एक वरिष्ठ नेता हैं और उनकी भाषा उचित नहीं है। महायुति का धर्म निभाने का ठेका सिर्फ हमने नहीं लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मेरी विनती है कि वे रामदास कदम जैसे लोगों को काबू में रखें।"

रविंद्र चव्हाण, जो भाजपा के कई महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा हैं, अक्सर पर्दे के पीछे रहकर पार्टी की रणनीतियों को आकार देते हैं। चुनाव की रणनीति और महत्वपूर्ण पदों पर उनकी भूमिका को देखते हुए, यह विवाद महायुति के समन्वय और रणनीति पर असर डाल सकता है।

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, इस विवाद का समाधान महायुति के एकता और प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण होगा।


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