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'महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य' की परंपरा को आगे ले जाएंगे: विप्लब कुमार देव

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव ने कहा है कि उनकी सरकार त्रिपुरा के अंतिम राजा 'महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य' की परंपरा को आगे ले जाएगी

महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य की परंपरा को आगे ले जाएंगे: विप्लब कुमार देव
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अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव ने कहा है कि उनकी सरकार त्रिपुरा के अंतिम राजा 'महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य' की परंपरा को आगे ले जाएगी। बीर बिक्रम ने इस रियासत पर सन् 1924 से 1947 तक राज किया था। देव ने बुधवार रात यहां कहा, "वे आधुनिक त्रिपुरा के पिता थे और उन्होंने इसे भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का सपना देखा था।"

महाराजा बीर बिक्रम किशोर जयंती के अवसर पर पांच दिवसीय समारोह का शुभारंभ करते हुए देव ने कहा कि माणिक्य ने 1942 में अगरतला हवाईअड्डे का निर्माण कराया। द्वितीय विश्व युद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जुलाई में अगरतला हवाईअड्डे का नाम बदलकर महाराजा बीर बिक्रम सिंह हवाई अड्डा कर दिया गया।

राजा कई स्कूल और कॉलेज स्थापित करने के अतिरिक्त सीमावर्ती राज्य में बहुतायत में पाई जाने वाली प्राकृतिक गैस खोजने के लिए म्यांमार की कंपनी यहां लाए।

महाराजा बीर बिक्रम सिंह सहित 184 राजाओं द्वारा 517 साल राज किए जाने के बाद 15 अक्टूबर, 1949 को त्रिपुरा भारत सरकार के अधीन हो गया।

बिप्लब देब ने कहा, "दक्षिणी त्रिपुरा में फेनी नदी पर निर्माणाधीन पुल का निर्माण होने के बाद राज्य का संपर्क पड़ोसी बांग्लादेश के चटगांव अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह से हो जाएगा। इससे देश के सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए त्रिपुरा व्यावसायिक केंद्र बन जाएगा।"

त्रिपुरा के दूसरे सर्वाधिक रबर उत्पादक राज्य होने के कारण राज्य सरकार ने यहां रबर आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए निवेशकों को भी आमंत्रित किया था। देब ने कहा, "हम निवेशकों को कम कीमत पर जमीन और बिजली उपलब्ध कराएंगे।"

देब ने कहा कि राज्य सरकार अन्य राज्यों के पर्यटन स्थलों से संपर्क स्थापित करने के लिए पर्यटन सर्किट का निर्माण करेगी।


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