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बिहार विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन, भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर

बिहार में विधानसभा की तीन सीटों कुढ़नी, गोपालगंज और मोकामा में उपचुनाव होने हैं। चुनाव आयोग द्वारा अब तक भले ही चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई हो

बिहार विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन, भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर
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पटना। बिहार में विधानसभा की तीन सीटों कुढ़नी, गोपालगंज और मोकामा में उपचुनाव होने हैं। चुनाव आयोग द्वारा अब तक भले ही चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई हो, लेकिन इन तीन सीटों को लेकर राजनीति गर्म है। बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) उपचुनाव की तीनों सीटों पर ताल ठोकने की घोषणा कर भाजपा और महागठबंधन के लिए परेशानी बढ़ा दी। इधर, सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक दलों में सीट को लेकर दावेदारी की जा रही है।

गोपालगंज भाजपा की सीट रही है। 2020 में इस सीट से भाजपा कोटे से सुभाष सिंह ने चुनाव जीता और राज्य की एनडीए सरकार में मंत्री बनाए गए। अलग बात है कि अपने खराब स्वास्थ्य को लेकर वे मंत्री बनने के बाद भी लगातार दिल्ली में इलाजरत रहे और बाद में इलाज का दौरान की उनका निधन भी हो गया।

अपने प्रत्याशी के निधन के बाद भाजपा वापस यहां से उम्मीदवार देने की तैयारी में है।

सहनी की वीआइपी भी एलान कर चुकी है कि गोपालगंज में वह अपना प्रत्याशी देगी और उसका मुकाबला सीधे भाजपा प्रत्याशी से होगा। उपचुनाव की दूसरी सीट मोकामा है।

इस सीट से राजद उम्मीदवार अनंत सिंह ने चुनाव जीता था। लेकिन घर में ए के 47 रखने के आरोप में उन्हें आरोपी करार दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद हो गई।

मोकामा को जदयू अपनी परंपरागत सीट बताकर दावा ठोक रही है, वही राजद भी इसे अपनी सीट बता रहा है। वीआईपी भी यहां प्रत्याशी उतारेगी।

मुजफ्फरपुर की कुढ़नी सीट से राजद प्रत्याशी अनिल सहनी ने बीते चुनाव जीत दर्ज कराई थी, लेकिन एलटीसी घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद सहनी की सदस्यता रद्द होना तय है। कुढ़नी सीट निषाद बहुल सीट है। राजद यहां से अपना प्रत्याशी देगी। निषाद वोट बैंक पर दावा करने वाली वीआइपी भी इस सीट से उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुकी है भाजपा भी यहां से किस्मत आजमाएगी।

वीआईपी फिलहाल किसी गठबंधन में नहीं है। ऐसी स्थिति में भाजपा को जहां गोपालगंज सीट को बचाए रखने की चुनौती है वही राजद के लिए मोकामा और कुढ़नी की सीट प्रतिष्ठा से जुड़ा है। राजद के पास अभी सबसे अधिक विधायक हैं, ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगी कि उसके विधायकों को संख्या कम हो।

वीआइपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति कहते हैं वीआईपी तीनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सभी दल चुनाव लडने की लिए स्वतंत्र है। उन्होंने दावा किया कि तीनों सीटों पर वीआईपी सीधे मुकाबले में होगी।


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