कुलेश्वर महादेव मंदिर रोशनी से जगमगाय, नदी में अच्छा बहाव
राजिम ! कल शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व है। इस पर्व का शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। ब्रह्म मुहुर्त में स्रान और भोलेनाथ की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

राजिम ! कल शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व है। इस पर्व का शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। ब्रह्म मुहुर्त में स्रान और भोलेनाथ की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में सुख-शांति आती है। शिवरात्रि के शुभ अवसर पर राजिम कुंभ मेले में नागा बाबाओं और सभी साधु-संतों का शाही स्रान होगा। शाही स्रान के लिए एक तरफ जहां कुंड लबालब नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर महानदी की धार भी नजर आ रही है। पर्व स्रान के लिए आज गुरूवार शाम से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस बार पानी की कोई समस्या नहीं है। सभी घाटों में रोशनी की गई है। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
भोलेनाथ का दर्शन करने बहाना पड़ेगा पसीना- माता जानकी द्वारा स्थापित त्रिवेणी संगम के बीच भगवान कुलेश्वरनाथ महादेव का मंदिर लाईट के झालरों से रोशन होकर जगमगाने लगा है। आज गुरूवार की आधी रात के बाद नदी में भक्तों का छलांग लगाना शुरू हो जाएगा। कुलेश्वर मंदिर के नीचे बेरीकेटिंग की गई है। पर्याप्त संख्या में पुलिस के जवान यहां तैनात किए जा रहे हैं। दर्शनार्थियों को इस बार काफी लम्बी लाईन लगानी पड़ेगी। इस दौरान भोलेनाथ के दर्शन के लिए मशक्कत तो करना ही पड़ेगा, बल्कि पसीना भी छुटेगा।
पुलिस की रहेगी चाक-चौबंद व्यवस्था- भक्तजन आज रात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मजा लेंगे और तीसरे पहर रात तीन बजे के बाद डुबकी लगाने के लिए नदी के धार की ओर चलने लगेंगे। शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पर्व सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। लंबी लाईन में खड़े श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रहती है। सुबह 4 बजे से लेकर पूरा दिन बल्कि आधी रात तक दर्शन और पूजा का सिलसिला चलता रहता है। दर्शन के लिए 4 और 5 घण्टे का इंतजार करते हुए प्रत्येक भक्तों को खड़ा रहना पड़ता है। कुलेश्वर मंदिर में पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। मंदिर के आसपास बंदूकधारी जवान नजर रखे हुए हैं। सादे वेष में भी महिला पुलिस बल तैनात है।
साधु-संतों के साथ मंत्री लगाएंगे डुबकी- गुरूवार को प्रदेश के धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल रात तक राजिम पहुंचकर शिवरात्रि में पूरा दिन रहेंगे। कल शुक्रवार को सुबह नागा बाबाओं और सकल साधु-संत समाजों की विशाल शोभायात्रा संत समागम स्थल से निकलकर संगम के बीच से नवापारा शहर के इंदिरा मार्केट, नया पुल होते हुए राजिम के फॉरेस्ट नाका, पं. सुंदरलाल शर्मा चौक, नगर पंचायत मार्ग, सुभाष चौक, रेस्ट हाऊस मार्ग से व्हीआईपी रोड से चलकर कुंड के पास पहुंचेगी। यहां शाही स्रान होगा। इस शाही स्रान में साधु-संतों के साथ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक संतोष उपाध्याय भी डुबकी लगाएंगे। श्री राजिम कुंभ का अंतिम पर्व स्रान महाशिवरात्रि को सम्पन्न किया जाता है। इस दिन यहां पर नागा साधुओं, महामंडलेश्वरों, मठाधीशों, महंतों व साधु-संतों का शाही स्रान होता है। जिसे देखने के लिए पूरे राज्य भर और देश के कई हिस्सों से श्रद्धालुगण आते हैं। यहां आकर त्रिवेणी संगम में स्रान करके कुलेश्वर महादेव के दर्शन करते हैं। इससे मनोकामना पूर्ण होती है। ओएसडी गिरीश बिस्सा महाशिवरात्रि पर्व में शाही स्नान और शोभायात्रा की तैयारी में दो दिन पहले से ही लग गए हैं।
संत समागम में बह रही संतों की अमृतवाणी- महाकुंभ कल्प मेला के मुख्य मंच पर संत प्रज्ञानंद महाराज ने कहा कि धर्मानुरूप आचरण ही सुखी जीवन का मार्ग है। हमारे धर्म ग्रंथों में उल्लेखित प्रसंग ही जीवन की सही दिशा का बोध कराता हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग इतनी भक्ति करते है कि साधु संतों को यहां आना पड़ता हैं। यह छत्तीसगढ़ की भूमि ऋषि मुनियों की भूमि रही है। उन्होंने कहा कि इतिहास पढऩे वाले हजारों होते है लेकिन धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जैसे इतिहास गढऩे वाले कुछ ही होते हैं। जहां संत वहां कुंभ होता है। मिलन से मेला बनता है। संत वे है जो जमाने को बदल देता है। इस अवसर पर साध्वी अरूणा भारती ने कहा सत्संग से जीवन में अमूलचूल परिवर्तन होता है। एक पल अच्छे मन से सत्संग सुन लेने से हमारा जीवन बदल सकता है। उन्होंने कहा कि बाहर की गंदगी को दूर करने के लिए हम उपाय करते हैं, लेकिन अपने मन के मैल को दूर करने के लिए उपाय करें, तो परिवार और समाज के लिए बेहतर होगा। सत्य चेतन महाराज ने कहा कि चिंतन मनन आवश्यक है। यह अंतरात्मा में झांकने के लिए जरुरी है। उन्होंने सत्संग से मिलने वाले सुख को बताया। संतश्री रामानुज सरस्वती ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के लिए वेद से लेकर उपनिषद तक भक्ति योग से परमेश्वर प्राप्त करते है। माता-पिता की सेवा करें तो हमें ईश्वर की प्राप्ति होगी। ब्रम्हकुमार नारायण ने कहा कि ओम शांति में गीता का पाठ छिपा है। चिन्तन किये जाने से सत्यता की पहचान होती है। यह एक जीवन का फार्मूला है। भगवान को पहचानना आसान है परन्तु पहले आप स्वयं को पहचाने। तमीनतानंद महाराज ने कहा कि धर्मसत्ता और राज्य सत्ता का मिलन होता है तब प्रजा सुखी होती है। छत्तीसगढ़ में ऐसी परंपरा देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमारा भला तभी होगा जब हम अपना स्वार्थ छोड़ दें। कैलाशनंदन महाराज ने कहा कि यह कुंभ मेला महाकुंभ लोककल्याण के लिए है। भागवत में एक सूत्र है जिसमें कहा गया है कि वह स्थान बहुत शुभ हो जाता है जहां संतों का विराट समागम हो। उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही है।


