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महादयी नदी जल विवाद: कर्नाटक में बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त

कर्नाटक में गुरुवार को महादयी नदी जल विवाद की वजह से बुलाए गए बंद से सामान्य जनजीवन पर काफी बुरा असर पड़ा है।

महादयी नदी जल विवाद: कर्नाटक में बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त
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बेंगलुरू। कर्नाटक में गुरुवार को महादयी नदी जल विवाद की वजह से बुलाए गए बंद से सामान्य जनजीवन पर काफी बुरा असर पड़ा है।

बंद की वजह से बस व टैक्सी सड़कों से नदारद हैं और कॉलेज, कार्यालयों, होटलों, मॉल और बाजारों को शाम तक बंद रखा गया है, जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

आईटी सेक्टर की कई कंपनियों में भी काम-काज ठप है। यह 12 घंटे का बंद कर्नाटक के बेलगावी, बागलकोट, धारवाड़ और हुबली जिलों में पीने के पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए पड़ोसी राज्य गोवा से महादेयी नदी का पानी मुहैया कराए जाने की मांग को लेकर बुलाया गया है।

किसानों, कन्नड़ समर्थक संगठनों और क्षेत्रीय संगठनों ने सुबह से शाम तक बंद का आह्वान किया है। ये लोग दो दशक पुराने नदी जल बटवारा विवाद के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि कर्नाटक में महादयी नदी के पानी की जरूरत सूखा प्रभावित चार राज्यों में पीने के पानी और सिंचाई के लिए है।

बंद का असर हालांकि बेंगलुरु में विमान और रेल संचालन पर नहीं पड़ा है। सरकारी और निजी बस व टैक्सी के अभाव में काफी संख्या में लोगों को रेलवे स्टेशन और हवाईअड्डे पर देखा गया।

बेंगलुरू में कुछ तीन पहिया वाहन चलते दिखे जिनमें यात्री खचाखच भरे हुए थे। लोगों ने मनमाना किराया वसूले जाने की शिकायत की।

बेंगलुरु मेट्रो के सभी स्टेशनों पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई। सरकारी कार्यालय और बैंक हालांकि खुले लेकिन सार्वजनिक और निजी परिवहन की अनुपस्थिति की वजह से बहुत कम संख्या में ही कर्मचारी कार्यालय पहुंच सके।

बंद की वजह से देश के इस टेक-हब में भी काम ठप हो गया। यहां आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनियों इनफोसिस, विप्रो और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम-काज ठप रहा।

शहर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।जरूरी सेवा जैसे अस्पताल, दूध की आपूर्ति, फल-सब्जियों की बिक्री और मेडिकल दुकानों को खुला रखा गया है।

महादयी नदी 29 किलोमीटर कर्नाटक में और 52 किलोमीटर गोवा से होकर बहती है लेकिन इसका जलग्रहण क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) कर्नाटक में 2032 किलोमीटर और गोवा में 1580 किलोमीटर है। इस नदी का उद्गम पश्चिमी घाट के भीमगढ़ में है जो कर्नाटक के बेलगावी जिले में स्थित है। यह गोवा से गुजरकर अरब सागर में गिरती है।


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