मद्रास उच्च न्यायालय ने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में संशोधन मांग को किया खारिज
मद्रास उच्च न्यायालय ने मुर्गे और भेड़ की लड़ाई वाले खेल की अनुमति देने के लिए पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम-1960 में संशोधन को लेकर राज्य सरकार को अादेश देने की मांग संबंधी जनहित याचिका खारिज कर दी हैै

मदुरै। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु में मुर्गे और भेड़ की लड़ाई वाले खेल की अनुमति देने के लिए पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम-1960 में संशोधन को लेकर राज्य सरकार को अादेश देने की मांग संबंधी जनहित याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति के के शशिधरन और न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन की पीठ ने कल यह याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे सुनवाई के योग्य समझा जाए।
याचिकाकर्ता जी चिन्नान ने अपनी याचिका में जोर देते हुए कहा कि मुर्गा लड़ाई की प्रतिस्पर्धा में जुआ जैसा कुछ भी नहीं है तथा ऐसी खेल गतिविधियों की अनुमति नहीं दी गई तो यह परंपरा विलुप्त हो जाएगी।
याचिका में यह भी कहा गया कि राज्य के पुलिस अधिकारियों के बीच एकरूपता नहीं है और उन्होंने कुछ जिलों में प्रतिस्पर्धा की अनुमति दी है जबकि अन्य जगहों पर इसकी इजाजत नहीं दी गई।
याचिकाकर्ता ने जल्लीकट्टू (सांडो को काबू में करने का खेल) का उदाहरण देते हुए मुर्गा एवं भेड़ लड़ाई प्रतिस्पर्धा की अनुमति के लिए पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में संशोधन को लेकर राज्य सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की थी।


