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मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, दो विधेयक होंगे पेश

मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा और 5 दिसंबर तक चलेगा, जो वर्तमान सदन की सातवीं बैठक होगी

मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, दो विधेयक होंगे पेश
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पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र में 1,497 प्रश्न, विपक्ष ने घेरने की बनाई रणनीति

  • एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू, कृषि संकट और बेरोजगारी पर गरमाएगा माहौल
  • दो विधेयक पेश होंगे, विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी की
  • हंगामेदार रहने के आसार, एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा और 5 दिसंबर तक चलेगा, जो वर्तमान सदन की सातवीं बैठक होगी।

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को विधानसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और पांच दिवसीय सत्र को बिना किसी व्यवधान के चलाने के लिए सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

यूं तो सत्र पांच दिनों तक चलेगा, लेकिन सदन वास्तव में केवल चार बैठकों में ही कार्य करेगा। दरअसल, 3 दिसंबर मंगलवार को पड़ रहा है, जिसे पारंपरिक रूप से मध्य प्रदेश विधानसभा में समिति कार्य और अन्य विधायी कार्यों के लिए गैर-बैठक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सत्र से पहले सचिवालय को असामान्य रूप से भारी मात्रा में सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। अब तक 751 सूचीबद्ध प्रश्न और 746 अतारांकित प्रश्न स्वीकार किए जा चुके हैं, जिससे कुल प्रश्नों की संख्या 1,497 हो गई है।

सदस्यों ने 194 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, छह स्थगन प्रस्ताव, 52 शून्यकाल प्रस्तुतियां, 14 निजी सदस्य संकल्प, नियम 139 के तहत अत्यावश्यक लोक महत्व के मामलों पर चर्चा के लिए दो सूचनाएं और 15 याचिकाएं भी प्रस्तुत की हैं।

इसके अलावा सरकार ने संक्षिप्त सत्र के दौरान दो विधेयक प्रस्तुत करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किए हैं।

अध्यक्ष तोमर ने अधिकारियों को सत्र-पूर्व सभी औपचारिकताएं समय से पहले पूरी करने के निर्देश दिए, जिनमें कार्यसूची की अंतिम छपाई और उसका प्रसार, डिजिटल प्रश्न प्रबंधन प्रणाली को अपडेट करना और निर्बाध लाइव प्रसारण और वेबकास्ट व्यवस्था सुनिश्चित करना शामिल है।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार को कृषि संकट और बढ़ती बेरोजगारी से लेकर कानून-व्यवस्था और भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रही है। ऐसे में सीमित अवधि के बावजूद इस छोटे सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है।

दोनों पक्षों के नेताओं ने शनिवार शाम को अलग-अलग रणनीतिक बैठकें कीं, जिससे संकेत मिलता है कि प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर पहले दिन से ही तीखी बहस देखने को मिलेगी।


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