मध्य प्रदेश के हर जनजातीय विकास खंड में होगा सांदीपनि विद्यालय : कुंवर विजय शाह
मध्य प्रदेश के हर जनजातीय विकास खंड में सांदीपनि विद्यालय होगा। राज्य के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है

भोपाल। मध्य प्रदेश के हर जनजातीय विकास खंड में सांदीपनि विद्यालय होगा। राज्य के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने कहा है कि जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है, इसी क्रम में राज्य के सभी जनजातीय विकास खंडों में सांदीपनि विद्यालय की शुरुआत की जाएगी।
राज्य में मोहन यादव सरकार को बने दो साल पूरे हो गए हैं। इस अवधि में जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार की ओर से क्या किया गया है और आगामी समय में क्या योजना है इसकी चर्चा करते हुए विजय शाह ने बताया कि मध्य प्रदेश में आगामी तीन सालों में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जनजातीय विकासखंड में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना की जाएगी। आगामी तीन वर्षों में "गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। अधोसंरचना, स्मार्ट क्लास, लैब एवं लाइब्रेरी सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा। प्रत्येक जनजातीय विकासखंड में एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
जनजातीय विकास मंत्री विजय शाह ने आगे बताया कि जनजातीय श्रद्धा एवं पूजा स्थलों का उन्नयन किया जाएगा। जनजातीय समाज की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए 86 जनजातीय विकासखंडों में कला भवन की स्थापना होगी। डाॅ. शाह ने कहा कि डिंडोरी जिले की गोंड पेंटिंग को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। सात उत्पादों की जीआई टैग की प्रक्रिया प्रचलित है, जिसमें भील जनजाति के गलशन माला, बोलनी, पिथौरा चित्रशैली, झाबुआ आदिवासी गुड़िया एवं गोंड जनजाति समूह के वाद्य यंत्र बाना चिकारा तथा मुखौटा काष्ठ शिल्प शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि गुजरात के केवड़िया में संचालित जनजातीय महिला कैफेटेरिया की तर्ज पर पंचमढ़ी, मांडू, कान्हा-किसली, पेंच एवं बांधवगढ़ में कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है। जनजातीय स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कैफेटेरिया का संचालन किया जाएगा। इससे जनजातीय महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा तथा जनजातीय संस्कृति का भी संरक्षण होगा।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान की चर्चा करते हुए डाॅ. शाह ने बताया कि 13 लाख 43 हजार से अधिक जनजातीय जनसंख्या लाभान्वित हो रही है । अब तक 1 लाख 30 हजार से अधिक मकान पूर्ण कर लिए गए है। ऑन-ग्रिड बिजली के माध्यम से 26 हजार 810 से अधिक घरों में बिजली प्रदाय की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों को लाभ मिल रहा है। स्वदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने 14 ग्रामों में 86 जनजातीय होमस्टे बनाए जा रहे हैं। जनजाति वर्ग के व्यवसायियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए चार ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेंटर स्वीकृत किए गए हैं।


