Top
Begin typing your search above and press return to search.

इंदौर के सीतलामाता बाजार में दिग्विजय सिंह के दौरे पर हंगामा, व्यापारियों ने किया विरोध

मध्‍य प्रदेश के इंदौर शहर के सीतलामाता बाजार में उस समय राजनीतिक माहौल गरमा गया

इंदौर के सीतलामाता बाजार में दिग्विजय सिंह के दौरे पर हंगामा, व्यापारियों ने किया विरोध
X

दिग्विजय सिंह के दौरे पर इंदौर में हंगामा, व्यापारियों ने जताया विरोध

  • सीतलामाता बाजार में राजनीतिक तनाव, दिग्विजय सिंह को पुलिस ने रोका
  • इंदौर में सांप्रदायिक सौहार्द पर बयान देने पहुंचे दिग्विजय सिंह, माहौल गरमाया
  • दिग्विजय सिंह के दौरे से इंदौर की राजनीति में हलचल, कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

इंदौर। मध्‍य प्रदेश के इंदौर शहर के सीतलामाता बाजार में शनिवार को उस समय राजनीतिक माहौल गरमा गया, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे। कुछ दिनों पहले इसी बाजार में भारतीय जनता पार्टी के विधायक मालिनी गौड़ के बेटे द्वारा मुस्लिम सेल्समैन को दुकानों से हटाने का मामला सामने आया था, जिसने शहर में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।

इसी मामले को लेकर दिग्विजय सिंह व्यापारियों से चर्चा करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया और थाने ले गई। थाने में उन्होंने पुलिस अधिकारियों को एक शिकायती आवेदन सौंपते हुए इस पूरे प्रकरण को “सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश” करार दिया और कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि धर्म और जाति के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव न केवल संविधान के खिलाफ है बल्कि समाज के आपसी भाईचारे को भी तोड़ता है।

हालांकि, थाने से बाहर निकलते ही स्थिति अचानक बदल गई। बड़ी संख्या में व्यापारी वहां मौजूद थे, जिन्होंने दिग्विजय सिंह का जमकर विरोध किया। नारेबाजी के बीच व्यापारियों ने उन्हें बाजार में प्रवेश न करने की चेतावनी दी। विरोध इतना तेज हो गया कि आक्रोशित लोगों ने मौके पर मौजूद डीसीपी की सरकारी गाड़ी पर चूड़ियां तक फेंक दीं। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस विरोध को भाजपा समर्थित साजिश बताया और कहा कि दिग्विजय सिंह केवल “शांति और सौहार्द का संदेश” देने पहुंचे थे। वहीं, व्यापारियों का कहना है कि वे बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं चाहते और बाजार का मामला बाजार के लोग ही सुलझाएंगे।

वहीं, इस घटना ने इंदौर की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। जहां कांग्रेस इसे संविधान और धर्मनिरपेक्षता से जोड़ रही है, वहीं विरोधी पक्ष इसे राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास बता रहा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it