जीतू पटवारी ने महिलाओं को बताया 'शराबी', विवाद बढ़ा तो देने लगे सफाई
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने महिलाओं को लेकर दिए अपने बयान पर सफाई दी है

महिलाओं को 'शराबी' बताने पर फंसे जीतू पटवारी, बोले-मीडिया ने रची साजिश
- पटवारी के बयान पर बवाल, भाजपा ने बताया महिलाओं का अपमान
- शराबी प्रदेश बना दिया सरकार ने -जीतू पटवारी का तीखा हमला
- महिलाओं पर टिप्पणी से घिरे पटवारी, सफाई में बोले- मेरी मां और बेटियां भी हैं
- मध्य प्रदेश में शराब और ड्रग्स पर पटवारी का दावा, भाजपा ने किया पलटवार
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने महिलाओं को लेकर दिए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मीडिया मैनेजमेंट करके मुझे फंसाने की साजिश है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "मैं प्रदेश की सभी माताओं और बहनों से अपील करता हूं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की भी माता और बहनें हैं, मेरी भी मां और दो बेटियां हैं। जब परिवार में कोई शराब या ड्रग्स घर लाता है, तो इससे माताओं, बहनों, पत्नियों और माता-पिता को बहुत दर्द होता है। सभी सरकारी एजेंसियां कहती हैं कि मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा शराब बिक्री का केंद्र बन गया है। विपक्ष इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाता? भोपाल में हर तीन महीने में ड्रग्स का जखीरा पकड़ा जाता है। गली-गली में नशा बिक रहा है।"
पटवारी ने महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद सफाई दी। उन्होंने कहा, "यह मेरे खिलाफ मीडिया मैनेजमेंट करके फंसाने की साजिश है। मैं इतना ही कहूंगा कि सीएम मोहन यादव ने हमारे प्रदेश को शराबी प्रदेश बना दिया है। इस सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है।"
जीता पटवारी ने दावा करते हुए कहा था कि वर्तमान में राज्य में महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पी रही हैं। यह हमें तमगा मिला है। यह सब समृद्ध मध्य प्रदेश का सपना देखने वाली भाजपा ने किया है। सबसे ज्यादा शराब की खपत देश में मध्य प्रदेश में है। बात ड्रग्स की की जाए तो इस मामले में मध्य प्रदेश ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। मध्य प्रदेश में जितना ड्रग्स का कारोबार हो रहा है उतना किसी दूसरे राज्य में नहीं हो रहा।
जीतू पटवारी के महिलाओं को लेकर दिए गए विवादित बयान पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जीतू पटवारी का बयान न केवल मध्य प्रदेश की महिलाओं का अपमान है, बल्कि कांग्रेस की महिला विरोधी कुत्सित मानसिकता का एक अशोभनीय उदाहरण है।


