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मध्य प्रदेश में ड्रोन तकनीक की समझ बढ़ाने की कवायद, कार्यशाला में 4 हजार पंजीयन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ड्रोन तकनीक कार्यशाला एवं एक्सपो 2025 की शुरुआत हुई

मध्य प्रदेश में ड्रोन तकनीक की समझ बढ़ाने की कवायद, कार्यशाला में 4 हजार पंजीयन
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ड्रोन तकनीक कार्यशाला एवं एक्सपो 2025 की गुरुवार को शुरुआत हुई। यह कार्यशाला ड्रोन तकनीक की समझ, उपयोगिता और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ड्रोन तकनीक से जीवन में बदलाव आया है। नेहरू नगर स्थित विज्ञान भवन में ड्रोन तकनीक कार्यशाला एवं एक्सपो 2025 में ड्रोन तकनीक के प्रशिक्षण के लिए प्रदेश भर के 4 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राज्य में ड्रोन तकनीक की समझ, उपयोगिता और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।

मुख्यमंत्री यादव ने इस आयोजन की शुरुआत करते हुए कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र की सहायता से प्रदेश में विकास के हर संभव प्रयास जारी हैं। प्रदेश सरकार ने अपनी नई ड्रोन पॉलिसी भी तैयार की है। दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। भारतीय समाज नई तकनीक और नवाचारों को शीघ्रता से आत्मसात करने में कभी पीछे नहीं रहा है।

उन्होंने कहा कि ड्रोन विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है। ड्रोन कृषि कार्यों में आज अन्नदाता की मदद कर रहा है। इससे खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव आसान हुआ है। ड्रोन तकनीक से देश के दुश्मनों का खात्मा भी हो रहा है। अब तो शादियां भी ड्रोन के बिना पूरी नहीं होती हैं।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि ड्रोन टेक एक्सपो वर्कशॉप का आयोजन भारत की तकनीकी क्रांति का प्रतीक है। किसान भाइयों के लिए ड्रोन वरदान बन गया है। आपदा की स्थिति हो या पुलिस प्रशासन के लिए मॉनीटरिंग की आवश्यकता ड्रोन तकनीक ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जिस प्रकार से बदलाव किया है वह अभूतपूर्व है। राज्य सरकार विकास-नवाचार और आत्मनिर्भरता के सशक्त वाहक के रूप में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने के पथ पर अग्रसर है।

मध्य प्रदेश विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ड्रोन टेक वर्कशॉप एक्सपो-2025 आयोजित की गई है। इसमें ड्रोन तकनीक के प्रशिक्षण के लिए प्रदेशभर के 4 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा उन्हें स्वरोजगार एवं तकनीक आधारित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी। विज्ञान एवं तकनीकी नवाचारों के माध्यम से मध्य प्रदेश विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा परिषद मध्य प्रदेश के विकास के लिए हर स्तर पर सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है।

स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल के निदेशक कैलाशा राव ने कहा कि आज ड्रोन तकनीक अधोसंरचना विकास कार्यों को मूर्तरूप देने में अहम भूमिका निभा रही है। उज्जैन सहित प्रदेश के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों के मानचित्र तैयार करने में यह तकनीक उपयोगी सिद्ध हुई है। ड्रोन तकनीक पर आधारित यह कार्यशाला युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और जनसामान्य को ड्रोन तकनीक के विविध उपयोगों की जानकारी देने में सहायक सिद्ध होगी।


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